संयुक्त राष्ट्र: आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस है और इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को जानकारी दी कि दुनियाभर में हर साल 80 लाख से अधिक लोग तंबाकू के इस्तेमाल के कारण मरते हैं।
तंबाकू के इस्तेमाल से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि 600,000,000 पेड़ों को काटा जाता है, 84,000,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड को हवा में छोड़ा जाता है, और 22,000,000,000 टन पानी का उपयोग किया जाता है।
एक फैक्ट शीट में विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात पर प्रकाश डालता है कि इसे बड़े पैमाने पर वनों की कटाई और वन्यजीवों सहित जैव विविधता के नुकसान से जोड़ा जा सकता है।
वहीं, पृथ्वी पर पानी की कमी पैदा करने के अलावा यह जीवाश्म ईंधन, धातु संसाधनों की कमी, मरुस्थलीकरण, घट रही मिट्टी की उर्वरता के लिए भी जिम्मेदार है।
ग्रीनहाउस गैसों का अत्यधिक उत्सर्जन, पीने के पानी का दूषित होना और हवा में सीधे, दूसरे और तीसरे साधन से धुएं के माध्यम से विषाक्त पदार्थों का उत्सर्जन अन्य चुनौतियों में गिना गया है।
डब्ल्यूएचओ फैक्ट-शीट में कहा गया है कि सिगरेट के टुकड़े गैर-बायोडिग्रेडेबल होने के कारण, पर्यावरण को एक और खतरे का सामना करना पड़ता है और स्थलीय और जलीय पारिस्थितिक तंत्र का क्षरण होता है।