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विश्व हिंदी सम्मेलन का समापन, विदेश मंत्री ने कहा- आने वाले समय में हिंदी का महाकुंभ बनेगा यह सम्मेलन, 25 विद्वानों व संस्थाओं को किया गया सम्मानित

By अनिल शर्मा | Updated: February 17, 2023 08:39 IST

जयशंकर ने फिजी नेतृत्व से बुधवार को हुई चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री रबूका को आश्वस्त किया है कि भारत फिजी के साथ सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती देने के लिए कदम उठाएगा। जयशंकर ने खुलासा किया कि फिजी के राष्ट्रपति पर हिंदी फिल्मों का बहुत प्रभाव है।

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ठळक मुद्देहिंदी को यहां 10-15 वर्षों में कमजोर करने की कोशिश की गईः फिजी उप प्रधानमंत्रीफिजी राष्ट्रपति पर बॉलीवुड फिल्मों का काफी प्रभावः जयशंकरयह सम्मेलन एक बार भारत और एक बार विदेश में करना चाहिएः एस जयशंकर

नांदीः फिजी के नांदी में तीन दिनों तक चले 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन का शुक्रवार समापन हो गया। 15 से 17 फरवरी तक चले सम्मेलन में तीस से अधिक देशों के एक हजार से अधिक हिंदी विद्वानों व लेखकों ने भाग लिया।  समापन समारोह को संबोधित करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि विश्व हिंदी सम्मेलन आने वाले समय में हिंदी का महाकुंभ बनेगा और हिंदी को विश्व भाषा बनाने में लगे हिंदी प्रेमियों को महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध कराएगा। जयशंकर ने कहा कि हिंदी को विश्व भाषा बनाने का लक्ष्य प्राप्त करने के यह जरूरी है कि सभी हिंदी प्रेमी मिलजुल कर काम करें। 

हिंदी को यहां 10-15 वर्षों में कमजोर करने की कोशिश की गईः फिजी उप प्रधानमंत्री

समापन समारोह में फिजी के उप प्रधानमंत्री बिमान प्रसाद भी मौजूद थे और उन्होंने सम्मेलन को फिजी के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सितवेनी रबूका के नेतृत्व वाली सरकार देश में हिंदी को मजबूत करने के लिए सभी संभव कदम उठा रही है। इस दौरान उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि पिछले 10 - 15 वर्षों में हिंदी को यहाँ कमजोर करने की कोशिशें की गईं। लेकिन हमारी सरकार ने कदम अपनाए हैं जिससे हिंदी को मजबूत बनाए जाए।

बिमान प्रसाद ने कहा कि फिजी में हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार पिछले 140 वर्षों से हो रहा है। आज जब मैं अपने पूर्वजों को याद करता हूं तो वह अपने साथ रामायण, गीता तो नहीं लाए थे लेकिन अपने साथ वह अपनी संस्कृति साथ में लाए थे। 

फिजी राष्ट्रपति पर बॉलीवुड फिल्मों का काफी प्रभावः जयशंकर

 जयशंकर ने फिजी नेतृत्व से बुधवार को हुई चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री रबूका को आश्वस्त किया है कि भारत फिजी के साथ सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती देने के लिए कदम उठाएगा। जयशंकर ने खुलासा किया कि फिजी के राष्ट्रपति पर हिंदी फिल्मों का बहुत प्रभाव है। जयशंकर ने कहा- फिजी के राष्ट्रपति जी ने कहा कि हिंदी फिल्मों का मुझ पर बहुत प्रभाव है और मैंने कई फिल्म देखी हैं। मैंने जब पूछा कि उनकी प्रिय फिल्म कौन सी है तो उन्होंने शोले बताया। बकौल जयशंकर,  उन्होंने कहा कि उनको गाना 'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे..' अभी भी याद आता है।

यह सम्मेलन एक बार भारत और एक बार विदेश में करना चाहिएः एस जयशंकर

जयशंकर ने आगे कहा कि हमें यह सम्मेलन एक बार भारत और एक बार विदेश में करना चाहिए और ऐसे करना चाहिए कि जो भी दुनिया में हिंदी प्रेमी हैं और हिंदी को आगे बढ़ाना चाहते हैं उनको अवसर मिले। विदेश मंत्री ने कहा, हमारा लक्ष्य यही है कि कैसे हम हिंदी को विश्व भाषा बनाएं और इसके अलग रूप, पहलू, तरीके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की तरफ से यहां पर हो रहे सांस्कृतिक मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए हम यहां पर हो रही हिंदी, तमिल आदि शिक्षण की मांग को पूरा करने के लिए हम तैयार हैं और कुछ ही दिनों में हम इसको रूप रेखा दे पाएंगे।

 समापन समारोह में देश - विदेश में हिंदी के प्रचार, प्रसार व विकास के लिये काम कर रहे 25 विद्वानों व संस्थाओं को सम्मानित भी किया गया। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधर ने बताया कि सम्मेलन के दौरान दस सत्रों में विभिन्न मसलों पर गंभीर चर्चा हुई और यह निष्कर्ष निकल कर आया कि हिंदी काफी सशक्त भाषा है और तकनीक के साथ सामंजस्य बैठाने में सक्षम है।

भाषा इनपुट के साथ

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