भारत के खिलाफ किसी भी गतिविधि के लिए श्रीलंका का इस्तेमाल नहीं होने देंगे: राजपक्षे

By भाषा | Updated: October 5, 2021 23:30 IST2021-10-05T23:30:14+5:302021-10-05T23:30:14+5:30

Will not allow Sri Lanka to be used for any activity against India: Rajapaksa | भारत के खिलाफ किसी भी गतिविधि के लिए श्रीलंका का इस्तेमाल नहीं होने देंगे: राजपक्षे

भारत के खिलाफ किसी भी गतिविधि के लिए श्रीलंका का इस्तेमाल नहीं होने देंगे: राजपक्षे

कोलंबो, पांच अक्टूबर श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने मंगलवार को भारत को आश्वासन दिया कि श्रीलंका की जमीन की ''किसी भी ऐसी गतिविधि'' के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है। राजपक्षे ने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला को चीन के साथ कोलंबो के संबंधों के बारे में ''व्यापक तौर पर'' अवगत कराया। उन्होंने इसके साथ ही महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार सहित कई मुद्दों पर उनके साथ विचारों का आदान-प्रदान किया।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से मुलाकात की तथा सभी स्तरों पर समग्र द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग के मजबूत संबंधों पर बल दिया।

श्रृंगला भारत और श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा के लिए चार दिवसीय यात्रा पर शनिवार को यहां पहुंचे थे।

श्रीलंका के राष्ट्रपति सचिवालय से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, श्रृंगला के साथ बैठक के दौरान राजपक्षे ने कहा, ''श्रीलंका की जमीन की किसी भी ऐसी गतिविधि के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है।''

विज्ञप्ति के मुताबिक, राजपक्षे ने चीन के साथ संबंधों की प्रकृति को लेकर व्यापक तौर पर विवरण दिया और भारतीय विदेश सचिव को सूचित किया कि इस बारे में कोई संशय नहीं होना चाहिए।

चीन श्रीलंका में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है और वह बंदरगाहों सहित विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है। इसके अलावा, चीन कोविड महामारी से जूझ रही श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रहा है।

इससे पहले, भारतीय उच्चायोग ने यहां एक ट्वीट में कहा, "विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने आज राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से मुलाकात की।"

उच्चायोग ने कहा, "उन्होंने भारत और श्रीलंका के बीच मित्रता और सहयोग के मजबूत संबंधों पर जोर दिया तथा सभी स्तरों पर इस व्यापक साझेदारी को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की।"

यह मुलाकात राष्ट्रपति राजपक्षे के अमेरिका से लौटने के एक दिन बाद हुई। राजपक्षे संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क गए थे।

अधिकारियों ने कहा कि श्रृंगला ने दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को आगे बढ़ाने और महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में काम करने को लेकर भारत की इच्छा व्यक्त की तथा पारस्परिक हित की संयुक्त परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया।

भारतीय उच्चायोग ने यहां कहा कि विदेश सचिव की कोलंबो, कैंडी, त्रिंकोमाली और जाफना में हुईं बैठकें ‘‘सार्थक’’ रहीं।

इसने ट्वीट में कहा, ‘‘उनकी यात्रा से भारत-श्रीलंका संबंधों में और गति आएगी।’’

विदेश सचिव ने यहां भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों से भी बातचीत की। उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा, "उच्चायोग टीम उनके प्रोत्साहन और समर्थन के लिए वास्तव में आभारी है।’’

इससे पहले सोमवार को श्रृंगला ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से मुलाकात की और उनसे बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने के संबंध में ‘सकारात्मक वार्ता’ की।

श्रृंगला ने श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे और विदेश मंत्री जीएल पीरिस से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।

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Web Title: Will not allow Sri Lanka to be used for any activity against India: Rajapaksa

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