Li Keqiang: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के खिलाफ मजबूत दावेदार माने जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ली क्विंग का दिल का दौरा पड़ने से निधन, जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 27, 2023 01:22 PM2023-10-27T13:22:27+5:302023-10-27T13:23:04+5:30

Li Keqiang: सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) का नेतृत्व करने के लिए शी के खिलाफ मजबूत दावेदार माना जाता था।

who was China ex-Premier Li Keqiang sidelined by Xi Jinping dies at 68 Former Chinese premier died heart attack | Li Keqiang: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के खिलाफ मजबूत दावेदार माने जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ली क्विंग का दिल का दौरा पड़ने से निधन, जानिए

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Highlightsकरीब एक दशक, मार्च 2013 से मार्च 2023 तक, शी के बाद चीन के दूसरे नंबर के नेता रहे।अर्थव्यवस्था की दशकों तक उच्च वृद्धि का अनुभव करने के बाद आर्थिक मंदी से निपटने में उन्होंने काफी मदद की।संस्थापक माओ से-तुंग के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बनकर उभरे।

Li Keqiang: एक वक्त में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के खिलाफ मजबूत दावेदार माने जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ली क्विंग का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। ‘चाइना डेली’ अखबार ने बताया कि ली को बृहस्पतिवार को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें बचाने की भरपूर कोशिशें की गयीं लेकिन देर रात 12 बजकर 10 मिनट पर शंघाई में उनका निधन हो गया।

वह कुछ वक्त से शंघाई में रह रहे थे। ली को एक वक्त में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) का नेतृत्व करने के लिए शी के खिलाफ मजबूत दावेदार माना जाता था लेकिन वह करीब एक दशक, मार्च 2013 से मार्च 2023 तक, शी के बाद चीन के दूसरे नंबर के नेता रहे।

वह जाने-माने अर्थशास्त्री थे और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की दशकों तक उच्च वृद्धि का अनुभव करने के बाद आर्थिक मंदी से निपटने में उन्होंने काफी मदद की। उनके शी से असहज संबंध रहे जिन्होंने राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत की और पार्टी के संस्थापक माओ से-तुंग के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बनकर उभरे।

ली ने 2020 में अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में खुलासा किया था कि चीन के 60 करोड़ लोगों की मासिक आय बमुश्किल 140 डॉलर है। यह टिप्पणी दुनियाभर में सुखियां बनीं और पार्टी नेतृत्व को यह पसंद नहीं आया था। ली निजी व्यवसाय के पैरोकार रहे लेकिन राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा खुद को देश का सबसे शक्तिशाली नेता स्थापित करने और अर्थव्यवस्था तथा समाज पर अपनी पकड़ मजबूत करने के बाद उनके पास बहुत कम अधिकार बचे थे।

अंग्रेजी भाषी अर्थशास्त्री ली को 2013 में कम्युनिस्ट पार्टी के तत्कालीन नेता हू जिंताओ का उत्तराधिकारी माना जाता था लेकिन सत्ता शी के हाथ में चली गयी थी। हू के सर्वसम्मति बनाकर चलने की नीति को पलटते हुए शी ने शक्तियों पर अपनी पकड़ बना ली जिससे ली और पार्टी की सत्तारूढ़ सात सदस्यीय स्थायी समिति के अन्य सदस्यों के पास बहुत कम शक्तियां बचीं।

ली को 70 वर्ष की अनौपचारिक सेवानिवृत्ति आयु से दो साल पहले ही अक्टूबर 2022 में पार्टी की स्थायी समिति से हटा दिया गया था। उसी दिन शी ने तीसरी बार पांच साल के कार्यकाल के लिए खुद को पार्टी का नेता घोषित किया था जो उस परंपरा के खिलाफ था जिसके तहत उनके पूर्ववर्ती 10 साल बाद सत्ता से हट गए थे।

इसके बाद सरकार में दूसरे नंबर का पद ली छ्यांग को दिया गया। प्रधानमंत्री बनने के शुरुआती वर्षों में ली भारत के प्रति चीन की नीति के प्रबंधन से जुड़े। प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद वह पहली विदेश यात्रा पर भारत गए थे जो भारत के साथ चीन के संबंधों की महत्ता को दर्शाता है जबकि शी रूस गए थे।

ली की यात्रा का प्रस्ताव भारतीय अधिकारियों के लिए आश्चर्यजनक था क्योंकि यह प्रोटोकॉल चीनी राजनीतिक व्यवस्था के विपरीत था। इसके बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी 2013 में बीजिंग की आधिकारिक यात्रा की थी।

हालांकि, चीन की जटिल भारत नीति बाद के वर्षों में शी के हाथों में आ गयी और उन्होंने विदेश नीति का प्रभार संभाल लिया जबकि ली को अर्थव्यवस्था की जिम्मेदारी दे दी गयी जो मंदी के दौर से गुजर रही थी। शीर्ष आर्थिक अधिकारी होने के नाते ली ने उद्यमियों के लिए स्थितियां सुगम बनाने का वादा किया।

लेकिन शी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ पार्टी ने सरकारी उद्योग के प्रभुत्व को बढ़ाया और प्रौद्योगिकी तथा अन्य उद्योगों पर नियंत्रण कड़ा कर दिया। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, ली का एक जुलाई 1955 को पूर्वी अन्हुई प्रांत में जन्म हुआ था। उन्होंने पीकिंग विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और वह मई 1976 में सीपीसी में शामिल हुए थे।

वह हेनान प्रांत के गवर्नर और बाद में उपप्रधानमंत्री भी रहे थे। ली की पत्नी चेंग होंग बीजिंग में ‘कैपिटल यूनिवर्सिटी ऑफ इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस’ में प्रोफेसर हैं। ली के अचानक निधन ने देश में कई लोगों को हैरत में डाल दिया है। चीन के सोशल मीडिया मंच ‘वीबो’ पर उनके निधन से जुड़े एक हैशटैग को महज कुछ घंटों में एक अरब से ज्यादा बार देखा गया है।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ली के निधन पर संवेदनाएं व्यक्त की है। चीन में जापान के दूतावास ने वीबो पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ली ने 2018 में जापान की यात्रा की थी और उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। चीन में अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष जेम्स जिमरमैन ने कहा कि ली का निधन ‘‘दुखद’’ है। 

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