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मंकीपॉक्स: विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह, महामारी से बचने के लिए यौन साझेदारों की संख्या को कम करें

By शिवेंद्र राय | Updated: July 28, 2022 10:16 IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स महामारी को एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार मंकीपॉक्स के 98 प्रतिशत मामले उन पुरुषों में पाए गए हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने सलाह दी है कि महामारी को खतरे को देखते हुए यौन साथियों की संख्या सीमित रखने पर विचार करें।

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ठळक मुद्देमंकीपॉक्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनीयौन साझेदारों की संख्या को कम करेंगले लगना और किस करना भी खतरे से खाली नहीं

नई दिल्ली: कोरोना महामारी से पहले ही जूझ रही दुनिया में एक और गंभीर बीमारी ने दस्तक दे दी है। मंकीपॉक्स के मामले जिस तेजी से दुनियाभर में बढ़ रहे हैं उसे देखकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को वैश्विक खतरा  घोषित किया था। अब विश्व स्वासथ्य संगठन ने इस बीमारी के बारे में कुछ जरूरी जानकारियां दी हैं। मंकीपॉक्स किन माध्यमों से सबसे ज्यादा फैलता है और इससे बचने के लिए क्या तरीके अपनाए जाएं इसके बारे में डब्ल्यूएचओ ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं।

यौन साथियों की संख्या कम रखें

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मंकीपॉक्स के 98 प्रतिशत मामले उन पुरुषों में पाए गए हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ऐसे लोगों को अपने यौन साथियों की संख्या कम रखनी चाहिए और नए साथी बनाने से बचना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने इस बारे में कहा है कि शर्म और जानकारियां छुपाने से ये बीमारी ज्यादा फैल सकती है।

गले लगना और किस करना भी खतरे से खाली नहीं

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मंकीपॉक्स सिर्फ यौन संबंधों से ही नहीं फैलता बल्कि संक्रमित व्यक्ति के गले लगने, चुंबन, बिस्तर या कपड़े के इस्तेमाल से भी ये बीमारी फैल सकती है। इसलिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है। अभी तक मंकीपॉक्स के जितने भी मामले सामने आए हैं उनमें से 70 प्रतिशत यूरोप और 25 प्रतिशत अमेरिका से आए हैं। हालांकि एक राहत की बात ये है कि इस बीमारी से पूरी दुनिया में अब तक केवल 5 लोगों की ही मौत हुई है।

भारत में दिया दस्तक

मंकीपॉक्स ने भारत में भी दस्तक दे दी है। अब तक पांच लोगों में इस बामारी की पुष्टि हो चुकी है जबकि नोएडा और गाजियाबाद से मंकीपॉक्स के 3 संदिग्ध केस मिले हैं। इनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। ये सरकार और जनता दोनो के लिए चिंता वाली बात है। मंकीपॉक्स के मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए भारत सरकार ने भी गाइडलाइन जारी की है। सरकार ने मंकीपॉक्स की जांच करने के लिए किट विकसित करने और वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर भी जारी किए हैं।

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