डब्ल्यूएचओ ने मलेरिया के टीके को मंजूरी दी,वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बताया इसका महत्व

By भाषा | Published: October 10, 2021 01:36 PM2021-10-10T13:36:01+5:302021-10-10T13:36:01+5:30

WHO approves malaria vaccine, global health expert told its importance | डब्ल्यूएचओ ने मलेरिया के टीके को मंजूरी दी,वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बताया इसका महत्व

डब्ल्यूएचओ ने मलेरिया के टीके को मंजूरी दी,वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बताया इसका महत्व

(मिरियम के. लॉफर, यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन)

बाल्टीमोर (अमेरिका), 10 अक्टूबर (द कन्वरसेशन) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने छह अक्टूबर को बच्चों के लिए मलेरिया के पहले टीके को मंजूरी दी। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने इसे ‘‘ऐतिहासिक क्षण’’ करार दिया।

अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मात्शिदिसो मोएती के अनुसार आरटीएस, एस/एएस01 टीका जिसे मॉस्क्युरिक्स नाम से जाना जाता है, अफ्रीका के लिए ‘‘आशा की एक किरण’’ है। इसे अब बच्चों को दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे घातक बीमारियों में से एक से बचाने के लिए शुरू किया जाएगा।

मलेरिया और वैश्विक बाल स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. मिरियम के. लॉफर ने टीके और डब्ल्यूएचओ की घोषणा के बारे में सवालों के जवाब दिए।

डब्ल्यूएचओ ने क्या घोषणा की है?

डब्ल्यूएचओ ने आरटीएस, एस मलेरिया टीके के इस्तेमाल की सिफारिश की है, जिसका निर्माण दवा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन ने किया है। यह वैश्विक स्वास्थ्य निकाय द्वारा अनुशंसित मलेरिया का पहला टीका है। मलेरिया के ज्यादा मामले वाले तीन उप-सहारा अफ्रीकी देशों मलावी, केन्या और घाना में टीके के दो साल के प्रायोगिक अध्ययन की समीक्षा की गई। सावधानीपूर्वक मूल्यांकन और व्यापक चर्चा के बाद डब्ल्यूएचओ इस बात पर सहमत हुआ कि मध्यम से लेकर ज्यादा मलेरिया के मामलों वाले क्षेत्रों के बच्चों में उपयोग के लिए टीके की सिफारिश की जानी चाहिए।

इसे बड़ा घटनाक्रम क्यों माना जा रहा है?

मलेरिया से हर साल लाखों बच्चों की मौत हो जाती है। इनमें से ज्यादातर मौतें उप-सहारा अफ्रीका में होती हैं। यह पहली बार है कि शोधकर्ताओं, टीका निर्माताओं, नीति निर्माताओं ने सफलतापूर्वक टीके का निर्माण किया है जिसने इसे नैदानिक ​​परीक्षणों के माध्यम से बनाया है और न केवल नियामकीय अनुमोदन प्राप्त किया है बल्कि डब्ल्यूएचओ से भी मंजूरी हासिल की है। यह टीका मलेरिया के लगभग 30 प्रतिशत ऐसे गंभीर मामलों को रोकता है जिससे मृत्यु होने की अधिक आशंका होती है।

शोधकर्ताओं को पता था कि आरटीएस, एस अच्छी तरह से नियंत्रित नैदानिक परीक्षणों में प्रभावी था, लेकिन कुछ सवाल इस बारे में बने रहे कि क्या उप-सहारा अफ्रीकी देशों के लिए चार-खुराक वाले टीके को सुरक्षित रूप से प्रस्तुत करना संभव है। बहरहाल, 2019 के बाद से, मलावी, केन्या और घाना में मलेरिया के टीके के क्रियान्वयन कार्यक्रम ने अच्छी राह दिखाई है। अब तक इन तीन देशों में लगभग 8,00,000 बच्चों को टीका लगाया जा चुका है।

कितना खतरनाक होता है मलेरिया?

मच्छरों के काटने से फैलने वाला मलेरिया प्रति वर्ष लगभग पांच लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनता है और इनमें से ज्यादातर शिकार उप-सहारा अफ्रीका में बच्चे होते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो गरीब से गरीब व्यक्ति को अपना शिकार बनाती है। यह उन जगहों पर सबसे अधिक बीमारी और मृत्यु का कारण बनता है जहां लोगों की बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच नहीं है, जहां आवास की स्थिति मच्छरों को प्रवेश करने की अनुमति देती है और जहां अपर्याप्त जल प्रबंधन मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल प्रदान करता है। इसे नियंत्रित करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद, पिछले कई वर्षों में मलेरिया का प्रकोप जारी है और यहां तक कि बढ़ भी गया है।

अन्य उपचारों की तुलना में टीके कितने प्रभावी होंगे?

डब्ल्यूएचओ को दिए गए परीक्षणों की रिपोर्ट के माध्यम से पता चला कि मलेरिया के मध्यम से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सभी बच्चों तक टीके की पहुंच होगी। यह खासकर स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच वाले बच्चों के बीच जानलेवा संक्रमण से लोगों की जान बचाएगा।

बीमारी के इलाज की तुलना में रोकथाम उपाय हमेशा अधिक प्रभावी होते हैं, विशेष रूप से मलेरिया जैसे संक्रमण के मामले में। मलेरिया को रोकने के लिए कभी-कभी दवाओं का उपयोग किया जाता है, लेकिन उन्हें बार-बार देना पड़ता है, जो महंगा और असुविधाजनक भी है। इसके अलावा, जितनी अधिक बार दवा का उपयोग किया जाता है, उतनी ही अधिक संभावना है कि मलेरिया परजीवी दवा के लिए प्रतिरोध विकसित करेंगे।

टीका विकसित करने में इतना समय क्यों लगा?

मलेरिया के टीके को विकसित करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी ने निश्चित रूप से एक भूमिका निभाई। अमेरिका जैसे संसाधन संपन्न देशों में मलेरिया के टीके के लिए कोई वास्तविक बाजार नहीं होने के कारण, दवा कंपनियों के पास टीका विकास में तेजी लाने के लिए एक मजबूत वित्तीय प्रोत्साहन नहीं था। मलेरिया के लिए अलग-अलग प्रोटीन के कई प्रकार होते हैं, इसलिए इन सभी को कवर करने वाला टीका ढूंढना भी एक बड़ी चुनौती थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: WHO approves malaria vaccine, global health expert told its importance

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे