Israel-Hamas War: 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादी समूह ने इजराइल पर चौंकाने वाला हमला किया था। इस हमले के बाद इजराइल ने युद्ध की घोषणा की थी। इजराइली लड़ाकू विमान लगातार गाजा पर बम बरसा रहे हैं। लेकिन इजराइल के दुश्मन सिर्फ हमास के लड़ाके ही नहीं हैं। गाजा में ही मौजूद इस्लामिक जिहाद भी इजराइल का कट्टर दुश्मन है। इसके अलावा लेबनान के हिजबुल्लाह ने भी इजराइल को जंग छेड़ने की धमकी दी है। इन सबके बीच एक आतंकी समूह लड़ाई में उतर गया है। इसका नाम है हाउती। हालांकि इन सारे संगठनों में एक समानता है कि सबको ईरान का समर्थन प्राप्त है। ये सभी संगठन हमास और उसके फिलिस्तीनी सहयोगी इस्लामिक जिहाद इरम समर्थित गठबंधन का हिस्सा हैं जिसे 'प्रतिरोध की धुरी' कहा जाता है।
हाऊती क्या है?
हाऊती एक ईरान समर्थित शिया मिलिशिया समूह है जिसने उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया है। यमन से संचालित होने वाला हाऊती 2015 से सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ युद्ध में है।
हाऊती फिलहाल चर्चा में इसलिए है क्योंकि हाल ही में इसकी तरफ से मिसाइलें और ड्रोन इज़राइल को निशाना बनाकर दागे गए थे जिसे अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत यूएसएस कार्नी ने लाल सागर में नष्ट कर दिया। यमन के हाऊती नेता ने पहले ही कहा था कि अगर संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना सीधे गाजा संघर्ष में हस्तक्षेप करती है, तो समूह ड्रोन और मिसाइलों से गोलीबारी करके जवाब देगा।
सऊदी अरब और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर ईरान पर हाऊती लड़ाकों को हथियार देने और प्रशिक्षण देने का आरोप लगाया है। हाऊती विद्रोहियों के पास बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं। हाऊती ईरान का समर्थन मिलने से इनकार करते हैं और कहते हैं कि वे अपने हथियार खुद बनाते हैं। साल 2019 में हाऊती विद्रोहियों ने सऊदी के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हमला किया था और सऊदी तेल उत्पादन के आधे से अधिक को अस्थायी रूप से काट दिया था।
यमन 2014 के अंत से गृहयुद्ध में फंस हुआ है जब ईरान समर्थित हाऊती मिलिशिया ने देश के उत्तर के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण कर लिया था और राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी की सऊदी समर्थित सरकार को सना से निकलने के लिए समजबूर कर दिया था।