लाइव न्यूज़ :

ईसीएमओ क्या है? कोविड ने अस्पतालों में बढ़ा दिया है ईसीएमओ का इस्तेमाल

By भाषा | Updated: November 16, 2021 14:27 IST

Open in App

ग्रेग केली, द यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड और जोश इहले, मोनाश यूनिवर्सिटी मेलबर्न, 16 नवंबर (द कन्वरसेशन) डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आईसीयू में भर्ती रोगियों में से बड़ी संख्या के ईसीएमओ पर होने के बारे में हाल ही में सोशल मीडिया पर आश्चर्य व्यक्त किया है, खासकर विक्टोरिया में।

ईसीएमओ, जिसका अर्थ है एक्स्ट्रा कोरपोरियल मैंबरेन आक्सीजनेशन, एक ऐसी प्रणाली है, जो हृदय की गंभीर बीमारी और फेफड़ों की निष्क्रयता वाले मरीजों के लिए जीवित रहने का अंतिम साधन है।

किसी भी समय, एक व्यस्त ईसीएमओ अस्पताल में सामान्य रूप से ईसीएमओ पर तीन से पांच रोगी होते है। मेलबर्न के अल्फ्रेड अस्पताल में ईसीएमओ का इस्तेमाल कर रहे रोगियों की संख्या लगभग 20 है और यह लगभग सभी कोविड के कारण। अमेरिका में, अस्पतालों में किशोरों और युवा वयस्कों में ईसीएमओ की अधिक जरूरत है, जिससे संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है।

ईसीएमओ एक महत्वपूर्ण उपकरण है लेकिन इसके लिए उच्च प्रशिक्षित कर्मचारियों और अस्पताल के संसाधनों की एक बड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है। ईसीएमओ के बाद बचने वाले मरीजों को उनकी गंभीर बीमारी से संबंधित दीर्घकालिक स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं।

दिल और फेफड़ों की आउटसोर्सिंग

सामान्य शब्दों में, ईसीएमओ एक हृदय या फेफड़े की बाईपास मशीन है। एक पंप और कृत्रिम फेफड़े, दोनों शरीर के बाहर होते हुए शरीर को वह सहायता प्रदान करते हैं जो बीमार अंग अब प्रदान करने में असमर्थ हैं। इस तरह, शरीर के बाकी कार्यों को बनाए रखा जाता है।

ईसीएमओ जिन चार शब्दों का संक्षिप्त रूप है, उनमें प्रत्येक का अर्थ है:

एक्स्ट्रा कोर्पोरियल: शरीर के बाहर

मैंम्बरेन : ‘‘झिल्ली’’ या पतली परत के रूप में संदर्भित किया जाता है जिसमें एक तरफ रक्त और दूसरी तरफ ऑक्सीजन बहती रहती है। यह पतली झिल्ली ऑक्सीजन को अंदर और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने का काम करती है।

ऑक्सीजनेशन: जब ऑक्सीजन रक्त में प्रवेश करती है तो यह सांस लेने के बराबर होती है। अगली प्रक्रिया सांस छोड़ने के समान होती है, इसमें कार्बन डाइऑक्साइड को निकाला भी जाता है।

ईसीएमओ कार्डियोपल्मोनरी बाईपास (हार्ट-लंग बायपास) मशीनों से विकसित हुआ है जो ओपन हार्ट सर्जरी करने के लिए उपयोग की जाती हैं। लेकिन ईसीएमओ उपकरण घंटों के बजाय दिनों से लेकर हफ्तों तक चलने वाले समर्थन के लिए अनुकूलित हैं।

ईसीएमओ को रोगी से दो मुख्य तरीकों से जोड़ा जा सकता है: शिरा-शिरा (जिसमें केवल रोगी के फेफड़ों का कार्य किया जाता है) और शिरा-धमनी (हृदय और फेफड़ों दोनों का काम करने के लिए)।

ईसीएमओ किसी भी रोगी को प्रदान किया जा सकने वाला जीवन समर्थन का उच्चतम स्तर है, जिसमें मशीन पूरी तरह या आंशिक रूप से रोगी के अपने दिल और/या फेफड़ों के कार्य को प्रतिस्थापित करती है।

ईसीएमओ प्रदान करने के लिए अत्यधिक विशिष्ट उपकरण और कर्मचारियों की आवश्यकता होती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतगोवा अग्निकांड पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, पीड़ितों के लिए मुआवजे का किया ऐलान

भारतGoa Fire Accident: अरपोरा नाइट क्लब में आग से 23 लोगों की मौत, घटनास्थल पर पहुंचे सीएम सावंत; जांच के दिए आदेश

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

पूजा पाठPanchang 07 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 07 December 2025: आज इन 3 राशियों के लिए दिन रहेगा चुनौतीपूर्ण, वित्तीय नुकसान की संभावना

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘बार’ में गोलीबारी और तीन बच्चों समेत 11 की मौत, 14 घायल

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद