व्लादिमीर पुतिन का वो इंटरव्यू जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है!

By विकास कुमार | Published: June 29, 2019 12:37 PM2019-06-29T12:37:30+5:302019-06-29T13:10:00+5:30

फाइनेंसियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि पूरी दुनिया में उदारवाद का दौर अब चला गया है और बहुसांस्कृतिकवाद भी अब अंतिम साँसें गिन रहा है. उन्होंने सीरिया के शरणार्थियों को जर्मनी में बसाने के कारण एंजेला मोर्केल की आलोचना की वहीं शरणार्थियों के मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप की सराहना की है.

Vladimir Putin interview with financial times on liberalism and multi-culturalism | व्लादिमीर पुतिन का वो इंटरव्यू जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है!

व्लादिमीर पुतिन का वो इंटरव्यू जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है!

Highlightsअमेरिकी विद्वान फुकोयामा ने कहा था कि सोवियत रूस का विघटन उदारवाद की जीत है. कार्ल मार्क्स ने धर्म को अफीम बताया था. स्टालिन ने अपने लाखों राजनीतिक और वैचारिक विरोधियों को मौत के घाट उतार दिया था.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक इंटरव्यू वेस्टर्न वर्ल्ड में छाया हुआ है. फाइनेंसियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पुतिन ने कहा है कि पूरी दुनिया में उदारवाद अब अप्रचलित हो गया है. वहीं, उन्होंने बहुसांस्कृतिकवाद को भी लताड़ा है. पुतिन ने इंटरव्यू में इस बात को स्वीकार किया है कि दुनिया कोल्ड वॉर के दौर से ज्यादा बड़े खतरे का सामना कर रही है. 

सीरिया के शरणार्थियों को जर्मनी में बसाने के कारण एंजेला मोर्केल की आलोचना की वहीं शरणार्थियों के मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप की सराहना की है. पुतिन ने इस इंटरव्यू में यह भी कहा है कि धर्म अब अफीम नहीं रहा गया है. कार्ल मार्क्स ने कभी धर्म को अफीम बताया था. 
 

उदारवाद का प्रारूप  

उदारवाद को ब्रिटेन में सेंटर लेफ्ट माना गया. वहीं, फ्रांस और जर्मनी में इसको सेंटर राईट माना गया. स्कॅन्डिनेवियन देशों में इसे एलिट तबके से जोड़ कर देखा गया. पूर्वी यूरोप के देशों में जहां तानाशाही लेफ्ट का शासन रहा वहां इसे स्टेट ऑफ़ कंट्रोल के मुकाबले में देखा गया जो तानाशाही सरकार का एक वैकल्पिक मॉडल हो सकता है. सोवियत यूनियन के पतन के बाद अमेरिकी विद्वान फ्रांसिस फुकुयामा ने कहा था कि सोवियत रूस का विघटन उदारवाद की जीत है. 

मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में उदारवाद पर तीखी बहस हुई थी. कई लेखकों और वैज्ञानिकों ने सरकार पर इनटॉलेरेंस को बढ़ाने का आरोप लगा कर अवार्ड वापसी अभियान चलाया था. मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं बढ़ने के कारण बीजेपी और मोदी सरकार को उदारवाद का दुश्मन बताया जाता रहा है. उदारवाद अपने कई प्रारूपों में सामने आता है. रूस में जारशाही खत्म होने के बाद लेनिन ने सत्ता संभाली लेकिन उनके उत्तराधिकारी स्टालिन ने अपने लाखों राजनीतिक और वैचारिक विरोधियों को मौत के घाट उतार दिया था. 

आदर्श स्थिति है क्या?

हकीकत यही है कि उदारवाद कभी भी किसी देश में आदर्श रूप में नहीं रहा. सभी विचारधाराओं ने उदारवाद को सेलेक्टिव एप्रोच के साथ ही अपनाया. पुतिन का कहना है कि दुनिया को पिछले कुछ वर्षों में नव-उदारवाद जैसे प्रयोगों से बहुत नुकसान हुआ है. लेकिन इस बीच यूरोप के कई देशों में उदारवाद को लेकर बहस छिड़ती रहती है. ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन और संयुक्त राष्ट्र भी उन देशों में शांति लाने का प्रयास करती हैं जो युद्ध की विभिषका झेल रहे हैं. 

लंबे समय तक साम्राज्यवाद की सनक और द्वितीय विश्व युद्ध में अप्रत्याशित मानवीय त्रासदी को झेलने के बाद दुनिया ने उदारवाद के महत्व को समझा था. तमाम बहसों के बीच उदारवाद ह्यूमन सर्वाइवल की सबसे बुनियादी जरूरत महसूस होती है. 

Web Title: Vladimir Putin interview with financial times on liberalism and multi-culturalism

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