नई दिल्ली: अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों में हेज फंड फाइनेंसर विवेक रामास्वामी एक आश्चर्यजनक दावेदार के रूप में उभरे हैं। रामास्वामी लगातार चुनावों में बढ़त हासिल कर रहे हैं। हालाँकि भारतीय मूल के रामास्वामी की राह इतनी आसान भी नहीं है। रामास्वामी को बढ़त बनाते हुए देख कर कुछ रिपब्लिकन कार्यकर्ता धर्म का एंगल ले आए हैं। किसी हिंदू व्यक्ति द्वारा जीओपी नामांकन हासिल करने की संभावना कुछ रिपब्लिकन कार्यकर्ताओं में बेचैनी है।
विरोधी रामास्वामी की धार्मिक मान्यताओं पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ रिपब्लिकन कार्यकर्ताओं ने कहा है कि रामास्वामी से उनकी हिंदू धार्मिक पृष्ठभूमि के कारण इश्वर उनसे नफरत करते हैं। इससे राजनीति में धर्म की भूमिका को लेकर रिपब्लिकन पार्टी के भीतर गरमागरम चर्चा छिड़ गई है। अमेरिकी संविधान धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करता है। अमेरिकी संविधान उम्मीदवारों का मूल्यांकन उनकी धार्मिक संबद्धता के बजाय उनकी योग्यता और नीतिगत पदों के आधार पर करने की बात करता है।
हालांकि रामास्वामी की रूढ़िवादी सोच कट्टर ईसाई एजेंडे के साथ निकटता से मेल खाती है। उन्होंने छह सप्ताह में गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने और ट्रांसजेंडर युवाओं के लिए लिंग-पुष्टि देखभाल का विरोध करने का वादा किया है। एलजीबीटीक्यू+ अधिकारों पर उनके विचारों ने भी ध्यान आकर्षित किया है। उन्होने एलजीबीटीक्यू+ विरोधी सीनेटर टेड क्रूज़ को सुप्रीम कोर्ट में नामित करने का सुझाव दिया है।
हाल ही में एक रूढ़िवादी ईसाई कार्यक्रम में रामास्वामी की उपस्थिति पर सवाल उठाते हुए एबी जॉनसन ने कहा कि अभी, राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए लड़ाई चल रही है। एक व्यक्ति है जो अभी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में लोकप्रियता हासिल कर रहा है और उसका नाम विवेक रामास्वामी है और वह हिंदू हैं। जो हिंदू हैं वे कई देवताओं में विश्वास करते हैं।