विजय माल्या ने प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ यूके सुप्रीम कोर्ट में दायर की अपील, हाई कोर्ट से मिली थी निराशा
By सुमित राय | Published: May 4, 2020 09:31 PM2020-05-04T21:31:16+5:302020-05-04T22:15:26+5:30
विजय माल्या ने भारत को प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।
शराब कारोबारी विजय माल्या ने भारत को प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में मुकदमा हारने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। दो सप्ताह पहले ही लंदन के हाई कोर्ट ने माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी।
विजय माल्या ने निचली अदालत वेस्टमिनस्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट के प्रत्यर्पण के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां उनके खिलाफ फैसला आया था। हाई कोर्ट का जजमेंट 20 अप्रैल को आया था और उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए 14 दिन का वक्त था।
रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के न्यायाधीश स्टीफन इरविन और न्यायाधीश एलिजाबेथ लांग की दो सदस्यीय पीठ ने कहा था कि हम यह मानते हैं कि एडीजे यानी सीनियर डिस्ट्रिक्ट जज द्वारा पाए गए आरोप कुछ मामलों में भारत की तरफ (सीबीआई और ईडी) से लगाए गए आरोपों से ज्यादा व्यापक हैं, लेकिन सात ऐसे महत्वपूर्ण मामलों में संयोगवश आरोप भारत में लगाए गए हैं।
विजय माल्या ने हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि निचली अदालत ने गलत तरीके से उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी, जबकि साजिश के तहत उनके खिलाफ धोखाधड़ी और धनशोधन का मामला दर्ज किया गया। हालांकि, हाई कोर्ट ने विजय माल्या के तर्कों को खारिज कर दिया।
विजय माल्या करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में भारत में वॉन्टेड हैं। माल्या को भारतीय अदालत से भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है और उनपर भारतीय बैंकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में कार्रवाई के लिए भारतीय एजेंसियों के हवाले करने के लिए ब्रिटेन में प्रत्यर्पण कार्रवाई चल रही है। माल्या ब्रिटेन में मार्च 2016 से हैं और अप्रैल 2017 से प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद जमानत पर हैं।
किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक विजय माल्या ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने भारतीय बैंकों को बकाया ऋण राशि का भुगतान करने की पेशकश की है, लेकिन उस प्रस्ताव को बैंकों ने खारिज कर दिया है।