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वैक्सीन पासपोर्ट : क्यों ये समाज के लिए अच्छा है

By भाषा | Updated: May 15, 2021 14:01 IST

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(बारबरा जैकलिन सहाकियान, यूनिवर्सिटी आफ कैम्ब्रिज ; क्रिस्टेल लांग्ले, यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज, और जूलियन सावूलेस्क्यू, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड)

लंदन, 15 मई (दी कन्वर्सेशन) अब जब ज्यादा से ज्यादा लोग टीकाकरण करवा रहे हैं तो कुछ सरकारें अपने अपने समाज को लॉकडाउन से बाहर लाने के लिए ‘‘वैक्सीन पासपोर्ट’’ पर भरोसा कर रही हैं । ये ‘‘वैक्सीन पासपोर्ट’’ एक ऐसा आवश्यक प्रमाणपत्र है जो यह दर्शाता है कि पासपोर्ट धारक कोविड-19 के खिलाफ एक सुरक्षा कवच हासिल कर चुका है और इस पासपोर्ट का इस्तेमाल रेस्रां, पब, बार, खेल परिसर और अन्य ऐसे सार्वजनिक स्थल पर उन्हें वहां प्रवेश की अनुमति देने में इस्तेमाल कर सकते हैं ।

इस्राइल में इस समय ‘‘ग्रीन पास’’ व्यवस्था लागू की गई है जो टीकाकरण करवा चुके लोगों को थियेटरों, कंसर्ट हॉल्स, इंडोर रेस्त्रां और बार में प्रवेश की अनुमति देती है। ब्रिटिश सरकार ने भी वैक्सीन पासपोर्ट योजना लागू करने का प्रयास किया था लेकिन कुछ जगहों पर इन प्रस्तावों के खिलाफ भारी विरोध का सामना करने के बाद सरकार को इसे वापस लेना पड़ा।

संभवत: इसमें कोई चौंकाने वाली बात नहीं है- वैक्सीन पासपोर्ट योजनाएं विवादास्पद हैं क्योंकि कुछ लोग तर्क दे रहे हैं कि इससे असमानता पैदा होगी। लेकिन कोविड की स्थिति के किसी भी प्रकार के प्रमाणन का इस्तेमाल करने के लिए, जब तक इसे उचित तरीके से डिजाइन नहीं कर लिया जाता और जब तक हर व्यक्ति की टीकाकरण तक पहुंच नहीं हो जाती तब तक यह एक नैतिकता का मामला तो है ही ।

आइए, टीकाकरण और प्रमाणन से जुड़े नैतिकता के पहलू को देखते हैं ।

आसान बचाव का कर्तव्य एक ऐसी बात है जिसे नैतिक दायित्व का न्यूनतम सिद्धांत कहा जाता है। इस सिद्धांत को समझने के लिए, दार्शनिक पीटर सिंगर लोकप्रिय रूप से निम्न प्रयोग को परिभाषित किया है:

अगर आप एक उथले तालाब के पास से गुजर रहे हैं और देख रहे हैं कि एक बच्चा उसमें डूब रहा है, तो आपको अंदर जाकर बच्चे को तालाब में से बाहर निकालना चाहिए। इसका मतलब यह है कि आपके कपड़े गंदे हो जाएंगे, लेकिन यह बहुत मामूली सी बात है, क्योंकि अगर आपने ऐसा नहीं किया तो बच्चे की मौत एक त्रासदी होगी।

यह वैचारिक प्रयोग एक स्थिति को दर्शाता है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे की बहुत बड़ी मदद कर सकता है और वह भी मामूली लागत पर ।

कोविड-19 टीकाकरण के मामले में भी इस समय यही स्थिति है। कोविड-19 टीकाकरण के गंभीर दुष्प्रभाव होने का खतरा बहुत ही कम है, इसलिए टीकाकरण न केवल अपने लिए सुरक्षा और दूसरों के प्रति मेहरबानी है बल्कि टीकाकरण करवाना एक नैतिक दायित्व भी है।

इतना ही नहीं, टीकाकरण पासपोर्ट एक सामान्य दैनिक जीवन की ओर लौटने की बहुत मामूली कीमत है। इससे विमान, या थियेटर, रेस्त्रां या स्टेडियम में आपके संपर्क में आने वाले लोगों की भी बैचेनी कम होगी। एक बहुत बड़े लाभ के लिए ये मामूली सा बलिदान है।

बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए एक कर्तव्य

बेहतर जन स्वास्थ्य सुनिश्चित करना सरकारों की भी जिम्मेदारी है। उदाहरण के लिए, ब्रिटेन, अमेरिका या किसी अन्य देशों में सरकारों ने बंद जगहों पर धूम्रपान को गैर कानूनी घोषित किया है क्योंकि अनिवारक धूम्रपान के कारण लोगों की सेहत को खतरा है।

अध्ययनों ने इस बात को दर्शाया है कि धूम्रपान मुक्त कानून अनिवारक धूम्रपान (पैसिव स्मोकिंग) से संबंधित हृदय आघातों को कम करने से जुड़ा हुआ है। बंद माहौल में कोविड -19 से संक्रमित व्यक्तियों के साथ रहना इसी प्रकार का खतरा है- असलियत तो यह है कि कोविड -19 अनिवारक धूम्रपान के मुकाबले कहीं बड़ा खतरा पैदा करता है।

अपवाद मामलों में लोगों को राहत देना

लोगों के एक ऐसे छोटे समूह को, जो स्वास्थ्य कारणों से टीकाकरण करवाने में सक्षम नहीं हैं, टीकाकरण से छूट दी जा सकती है, लेकिन उन्हें भी एक पासपोर्ट दिया जाना चाहिए जिसमें बताया गया हो कि छूट दिए जाने का यह कारण है और इस कारण के आधार पर उन्हें किसी समारोह या परिसर में प्रवेश से इंकार नहीं किया जाना चाहिए। .

ऐसे समूहों को देखते हुए हमारा यह और अधिक कर्तव्य बनता है कि हम पूरे समुदाय की रक्षा के लिए अपना टीकाकरण कराएं ।

टीकाकरण पासपोर्ट से केवल अर्थव्यवस्था को पुन: खोलने में ही मदद नहीं मिलेगी बल्कि उन लोगों को भी एक नई जिंदगी मिलेगी जो महामारी के दौरान सामाजिक रूप से विलगाव में रहे, और अकेलेपन से संघर्ष किया । टीकाकरण से ये लोग फिर से समाज के अन्य लोगों के साथ बिना किसी डर के संपर्क बना सकेंगे, घुल मिल सकेंगे। उन परिवारों को भी इससे बहुत फायदा होगा जो एक लंबे समय से अपने परिजनों से मुलाकात नहीं कर सके हैं ।

समाज के सदस्य होने के नाते, यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम अपने समुदाय में हर किसी की सुरक्षा के लिए अपना टीकाकरण कराएं। टीकाकरण पासपोर्ट से इतने सारे फायदों के साथ ही जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी और जब हम सामान्य दैनिक जीवन में लौटेंगे तो हम एक बेहतर समय का आनंद उठा सकेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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