अंकारा: तुर्की और पड़ोसी देश सीरिया में आए भीषण भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 5000 के पार हो चुका है। इस बीच मंगलवार को पूर्वी तुर्की में दूसरी बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। दोनों झटके रिक्टर स्केल पर 5 से अधिक की तीव्रता वाले रहे।
भारतीय समय के अनुसार मंगलवार दोपहर को दिन का दूसरा झटका आया। अमेरिकी भू-गर्भीय सर्वेक्षण के अनुसार इसकी तीव्रता 5.4 रही। इससे पहले सोमवार को तीन बड़े झटके आए थे। पहला झटका 7.8 की तीव्रता वाला था, जिसके बाद हर ओर बर्बादी का मंजर नजर आ रहा है।
तुर्की और सीरिया में भूकंप का पहला झटका सोमवार तड़के आया था। इसके बाद से ही बचावकार्य जारी हैं। भूकंप से कई इमारतें गिर गईं। इसके बाद से कई लोग अपने प्रियजनों की तलाश में क्षतिग्रस्त इमारतों के पास एकत्रित हो रहे हैं और उन्हें खोज रहे हैं।
सोमवार को आए भूकंप का केंद्र तुर्की के शहर गजियांतेप से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर था। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने शॉपिंग मॉल, स्टेडियम, मस्जिद और सामुदायिक केंद्रों में शरण ले रखी है। इस बीच हालात को देखते हुए तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।
इस बीच भारत सरकार द्वारा भूकंप प्रभावित तुर्की की मदद करने के फैसले के तहत तुर्की के लोगों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए भारतीय सेना ने मंगलवार को चिकित्सकों की टीम भेजी। अधिकारियों ने कहा कि आगरा-स्थित आर्मी फील्ड हॉस्पिटल ने 89 सदस्यीय मेडिकल टीम को भेजा गया है।
मेडिकल टीम में अन्य के अलावा गहन चिकित्सा देखभाल विशेषज्ञ भी हैं। इस टुकड़ी में ऑर्थोपेडिक (हड्डी रोग) सर्जरी टीम, सामान्य सर्जरी की विशेष टीम और मेडिकल विशेषज्ञ टीमें शामिल हैं। यह टीम एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, हृदय गति मापने के लिए कार्डियक मॉनिटर और संबंधित उपकरणों से लैस है।