गुजरात बिजली संयंत्र विवादः अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय ग्रामीणों की याचिका स्वीकारी, करेगा सुनवाई
By भाषा | Updated: May 22, 2018 10:05 IST2018-05-22T10:05:39+5:302018-05-22T10:05:39+5:30
सु्प्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा, 'याचिका स्वीकार की जाती है।' इस मामले की सुनवाई अक्टूबर से शुरू हो रहे अगले सत्र में की जाएगी।

गुजरात बिजली संयंत्र विवादः अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय ग्रामीणों की याचिका स्वीकारी, करेगा सुनवाई
वाशिंगटन, 22 मई: अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट गुजरात में एक बिजली संयंत्र के खिलाफ भारतीय ग्रामीणों की एक अपील पर सुनवाई करने को सहमत हो गया है। इस संयंत्र के कारण कथित तौर पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है और इसके लिए अमेरिका स्थित इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईएफसी) कोष प्रदान कर रहा है।
सु्प्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा, 'याचिका स्वीकार की जाती है।' इस मामले की सुनवाई अक्टूबर से शुरू हो रहे अगले सत्र में की जाएगी। कई किसानों और मछुआरों सहित ग्रामीणों की अगुवाई कर रहे बुद्ध इस्माइल जाम ने आरोप लगाया कि कोयले से चलने वाली टाटा मुंद्रा पावर प्लांट से व्यापक तौर पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है।
वाशिंगटन डीसी स्थित आईएफसी परियोजना के लिए 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद कर रहा है। यह विश्व बैंक की आर्थिक शाखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह यह तय करेगा कि क्या आईएफसी के पास ‘इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन इम्यूनिटी एक्ट’ 1945 के तहत छूट है या नहीं।
निचली अदालतों द्वारा उनकी याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार करने के बाद जाम और अन्य याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपनी याचिका में ग्रामीणों ने दलील दी है कि टाटा मुंद्रा बिजली संयंत्र, अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय मानकों का पालन करने में विफल रही है। इसके परिणामस्वरूप स्थानीय पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है।