अमेरिका ने दिया चीन को झटका, हांगकांग विवाद पर चीनी अधिकारियों पर लगाया वीजा प्रतिबंध
By निखिल वर्मा | Published: June 27, 2020 12:37 AM2020-06-27T00:37:06+5:302020-06-27T00:47:16+5:30
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हॉन्ग कॉन्ग की स्वतंत्रता को अशक्त करने वाले चीन के अधिकारियों को सजा देने का वादा किया था.
अमेरिका ने हांगकांग के मुद्दे पर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (चीन) के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने हांगकांग की स्वायत्तता और मानवाधिकारों को कमजोर करने के लिए जिम्मेदार सीसीपी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है।
इससे पहले अमेरिकी सीनेट ने हांगकांग की सम्प्रभुता की रक्षा के लिए सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया है। विधेयक में हांगकांग पर सख्त ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा’’ कानून लागू करने के लिए जिम्मेदार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस बल को भी निशाना बनाया है जिसने हांगकांग प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार किए थे। इसके तहत उन बैंकों पर भी प्रतिबंध लगेगा जो कानून का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं के साथ व्यापार करते पाए गए।
चीन द्वारा प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार करने और पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी पर और नियंत्रण लगाने जैसी हरकतों के चलते पिछले एक साल से लगातार हांगकांग में बढ़ रहे तनाव के बीच यह कदम उठाया गया है। पेंसिल्वेनिया के रिपब्लिकन सीनेटर पैट टॉमी और मैरीलैंड के डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस वान होलेन ने यह उपाय पेश किए।
इसमें सीनेट ने यह कहते हुए भी एक उपाय को भी मंजूरी दी कि विधेयक के कानून बनने से बीजिंग सरकार पर 1984 चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा के सीधे उल्लंघन का आरोप लग सकता है। यह वह संधि है, जिसके तहत 1997 में हांगकांग में ब्रिटिश शासन को समाप्त कर शहर को आंशिक संप्रभुता प्रदान की गई थी। विधेयक के यहां पारित होने के बाद उसे अब सदन में पेश किया जाएगा।
हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो बनाएगा चीन
चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले अपराधों की जांच और मुकदमा चलाने के लिए हांगकांग में एक विशेष ब्यूरो स्थापित करने की योजना बनाई है। हांगकांग में वित्त से लेकर आव्रजन तक सभी सरकारी विभागों के निकाय सीधे बीजिंग की केन्द्र सरकार के प्रति जवाबदेह होंगे। चीन की विधायिका ने 19 जून को हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा बिल का मसौदा पारित किया था। इस कानून को लेकर चीन पर अर्ध-स्वायत्त हांगकांग के कानूनी और राजनीतिक संस्थानों को कमजोर करने के आरोप लगे हैं।