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अमेरिका के न्यूयार्क में ‘स्वस्तिक’ नाम का एक गांव, 100 साल से भी ज्यादा पुराना, जानिए पूरा मामला

By भाषा | Updated: September 25, 2020 15:34 IST

‘स्वस्तिक’ हिंदू संस्कृति में मंगल का प्रतीक माना जाता है और हर शुभ कार्य से पहले इसका पूजन किया जाता है, लेकिन अमेरिका में लोग इसे नाजी शासन की हिंसा एवं असहिष्णुता से भी जोड़कर देखते हैं। इसी वजह से गांव के नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।

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ठळक मुद्देस्वस्तिक चिह्न में एक दूसरे को काटती हुई दो सीधी रेखाएं होती हैं, जो आगे चलकर मुड़ जाती हैं। इसके बाद, ये रेखाएं अपने सिरों पर थोड़ी और आगे की तरफ मुड़ी होती हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के शहीदों की कब्रों का अपमान है, जिसके बाद कस्बा परिषद के सदस्यों ने नाम बदलने को लेकर मतदान करने विचार किया।

स्वस्तिकः अमेरिका के न्यूयार्क में ‘स्वस्तिक’ नाम का एक गांव है। विरोध के बावजूद इसकी परिषद ने नाम नहीं बदलने के समर्थन में सर्वसम्मति से फैसला किया है।

‘स्वस्तिक’ हिंदू संस्कृति में मंगल का प्रतीक माना जाता है और हर शुभ कार्य से पहले इसका पूजन किया जाता है, लेकिन अमेरिका में लोग इसे नाजी शासन की हिंसा एवं असहिष्णुता से भी जोड़कर देखते हैं। इसी वजह से गांव के नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।

स्वस्तिक चिह्न में एक दूसरे को काटती हुई दो सीधी रेखाएं होती हैं, जो आगे चलकर मुड़ जाती हैं। इसके बाद, ये रेखाएं अपने सिरों पर थोड़ी और आगे की तरफ मुड़ी होती हैं। न्यूयार्क के ब्लैक ब्रूक कस्बे के तहत आने वाले इस गांव को एक सदी से भी अधिक समय से स्वस्तिक नाम से जाना जाता है, लेकिन न्यूयॉर्क शहर से आए यात्री माइकल अलकामो ने कहा कि यह नाम निकट स्थित द्वितीय विश्व युद्ध के शहीदों की कब्रों का अपमान है, जिसके बाद कस्बा परिषद के सदस्यों ने नाम बदलने को लेकर मतदान करने विचार किया।

परिषद के सदस्यों ने 14 सितंबर को बैठक की और नाम न बदलने का सर्वसम्मति से फैसला किया। ब्लैक ब्रूक के पर्यवेक्षक जॉन डगलस ने बृहस्पतिवार को एक ईमेल में लिखा, ‘‘हमें खेद है कि हमारे समुदाय के इतिहास के बारे में नहीं जानने वाले इलाके के बाहर के लोगों को गांव का नाम देखकर अपमानजनक महसूस हुआ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह नाम हमारे पुरखों ने रखा था।’’ कई लोग इस चिह्न को 1930 के दशक के बाद से तानाशाह अडोल्फ हिटलर और उसकी नाजी पार्टी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन इसका इतिहास इससे कहीं अधिक प्राचीन है। इस गांव का नाम संस्कृत भाषा के शब्द स्वस्तिक पर रखा गया है, जिसका अर्थ कल्याण होता है। डगलस ने कहा, ‘‘इलाके के कुछ ऐसे भी निवासी हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध में लड़े थे, लेकिन उन्होंने केवल इसलिए नाम बदलने से इनकार कर दिया क्योंकि हिटलर ने स्वस्तिक के अर्थ को कलंकित करने की कोशिश की।’’ 

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