नई दिल्ली, 4 मई: गुरुवार को प्रेस की स्वतंत्रता पर जारी की गई यूनेस्को की एक रिपोर्ट में देशों की लिस्ट में इंडिया+कश्मीर लिखे जाने पर विवाद शुरू हो गया। इस रिपोर्ट की रिलीज देखने आए लोगों ने सवाल उठाया कि क्या ये रिपोर्ट कश्मीर के अस्तित्व को स्वीकारती है।
खबर के अनुसार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यूनेस्को- इंटरनेश्नल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट (आईएफजे ) की रिपोर्ट को यूनेस्को ऑफिस में जारी किया गया,‘Clampdowns and Courage-South Asia Press Freedom Report 2017-18’ नाम की रिपोर्ट पर विवाद खड़ा हुआ है। दरअसल सवाल ये है कि क्या यूनेस्को कश्मीर का पृथक अस्तित्व मानती है। इतना ही नहीं अब सवाल पूछा गया है कि क्या कश्नीर भारत का हिस्सा नहीं है।
हालांकि मामले बढ़ने के बाद अब यूनेस्को की ये रिपोर्ट तैयार करने वाली विंग द यूनेस्को-इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट (आईएफजे) के दक्षिण एशिया समन्वयक उज्जवल आचार्य ने इससे नकार कर दिया। सफाई देते हुए उनकी ओर से कहा गया है कि कश्मीर को दक्षिण एशिया के सबसे विस्फोटक क्षेत्रों में से एक होने के कारण स्पेशल फोकस के तौर पर अलग से दर्शाया गया है।
इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि ये नई बात नहीं है, पिछले साल भी छत्तीसगढ़, काबुल, श्रीलंका के कुछ हिस्सों, नेपाल और पाकिस्तान को भी इस तरह से दिखाया जा चुका है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यूनेस्को की रिपोर्ट ‘कठोर नीति और साहस- दक्षिण एशिया प्रेस स्वतंत्रता रिपोर्ट 2017-18’ के नाम से यहां पर यूनेस्को कार्यालय में रिलीज की गई।आपको बता दें कि इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले 20 साल में लगभग 30 जर्नलिस्ट अपने काम की वजह से मारे गए हैं। जिस पर अब जंकर बवाल होता दिख रहा है।