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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का बड़ा कदम, भारत-जर्मनी समेत पांच देशों में तैनात अपने राजदूतों को बर्खास्त किया

By विनीत कुमार | Updated: July 10, 2022 07:57 IST

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत समेत पांच देशों में तैनात अपने राजदूतों को हटा दिया है। ये कदम क्यों उठाया गया है, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

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ठळक मुद्देयूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पांच देशों में तैनात राजदूतों को हटाया।जर्मनी, भारत, चेक गणराज्य, नॉर्वे और हंगरी में तैनात राजदूतों को यूक्रेन ने हटाया।जर्मनी में यूक्रेन के राजदूत एंड्री मेलनिक को हटाना बड़ा कदम, साल 2014 से थे तैनात।

कीव: रूस के खिलाफ जारी जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को जर्मनी और भारत सहित पांच देशों में अपने राजदूतों को हटा दिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति की वेबसाइट पर इस संबंध में जानकारी दी गई। वेबसाइट पर जारी आदेश के तहत जेलेस्की ने जर्मनी, भारत, चेक गणराज्य, नॉर्वे और हंगरी में तैनात अपने राजदूतों को हटाया है। हालांकि ये कदम क्यों उठाया गया, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।

यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या हटाए गए इन राजदूतों को अब कोई नई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। बता दें कि 24 फरवरी को रूस की ओर से हमले की शुरुआत के बाद से ही जेलेंस्की ने अपने राजनयिकों से यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सैन्य सहायता उपलब्ध कराने पर जोर देने को कहा है।

जेलेंस्की द्वारा जर्मनी में यूक्रेन के राजदूत एंड्री मेलनिक को हटाना बड़ा कदम माना जा रहा है। दरअसल, एंड्री मेलनिक को जेलेंस्की से पहले के राष्ट्रपति द्वारा 2014 में जर्मनी में राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था। मेलनिक जर्मनी में राजनेताओं और राजनयिकों के बीच काफी लोकप्रिय भी हैं।

जर्मनी-यूक्रेन रिश्ते में भी तनाव

हाल में जर्मनी के साथ कीव के संबंध में भी कुछ तनाव देखने को मिले हैं। दरअसल, जर्मनी व्यापक तौर पर रूस की ओर से ऊर्जा आपूर्ति पर निर्भर है। साथ ही वही यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी है। ऐसे में मौजूदा हालात की वजह से पूरा मामला और संवेदनशील हो जाता है।

फिलहाल जर्मनी और यूक्रेन एक टर्बाइन पर आमने-सामने हैं। इस टर्बाइन का निर्माण जर्मनी में हुआ है और फिलहाल इसका रखरखाव कनाडा में हो रहा है। जर्मनी चाहता है कि कनाडा इस टर्बाइन को रूस की दिग्गज गैस कंपनी गैजप्रोम (Gazprom) को लौटा दे ताकि उसका इस्तेमाल यूरोप में गैस पहुंचाने में किया जा सके।

वहीं कीव ने कनाडा से टर्बाइन अपने पास रखने का आग्रह करते हुए कहा है कि इसे रूस को भेजना मास्को पर लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन होगा।

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