गर्भपात को कानूनी वैधता देगा संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका की तुलना में उदार होंगे कानून
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: June 22, 2024 16:10 IST2024-06-22T16:09:11+5:302024-06-22T16:10:25+5:30
इस्लामी देश संयुक्त अरब अमीरात में गर्भपात कानून संयुक्त राज्य अमेरिका के कई राज्यों की तुलना में अधिक उदार हो जाएंगे। 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात संबंधित संघीय कानून को खत्म करने के फैसला दिया था और इसे राज्यों के अधिकार में दे दिया था। तब से 14 अमेरिकी राज्यों ने लगभग सभी प्रकार के गर्भपात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) बलात्कार और अनाचार के मामलों में गर्भपात को कानूनी वैधता देने वाला है। यूएई कैबिनेट ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जो बलात्कार और अनाचार के मामलों में गर्भपात की अनुमति देगा। इसे अमेरिकी गर्भपात कानूनों की तुलना में अधिक उदार बनाया जाएगा। संयुक्त अरब अमीरात में नए प्रस्ताव के अनुसार यदि घटना की तुरंत सूचना दी जाती है और गर्भावस्था के 120 दिनों के भीतर प्रक्रिया की जाती है तो गर्भपात की अनुमति दी जाएगी।
ऐसा हुआ तो इस्लामी देश संयुक्त अरब अमीरात में गर्भपात कानून संयुक्त राज्य अमेरिका के कई राज्यों की तुलना में अधिक उदार हो जाएंगे। 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात संबंधित संघीय कानून को खत्म करने के फैसला दिया था और इसे राज्यों के अधिकार में दे दिया था। तब से 14 अमेरिकी राज्यों ने लगभग सभी प्रकार के गर्भपात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
चिकित्सा दायित्व कानून से संबंधित 2024 के यूएई के कैबिनेट संकल्प संख्या (44) में कहा गया है कि यदि गर्भावस्था किसी महिला के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध, उसकी सहमति के बिना, या पर्याप्त इच्छा के बिना संभोग का परिणाम है या जिस व्यक्ति के कारण गर्भ ठहरा है वह महिला का पूर्वज या उसके महरम (शादी के लिए अयोग्य) रिश्तेदारों में से एक है तो गर्भपात की अनुमति है।
इसके विपरित उदार लोकतंत्र माने जाने वाले अमेरिका के गर्भपात कानून रुढ़िवादी हैं। 14 में से नौ अमेरिकी राज्य बलात्कार या अनाचार के मामलों में भी गर्भपात की अनुमति नहीं देते हैं। इन राज्यों में अलबामा, अर्कांसस, केंटकी, लुइसियाना, मिसौरी, ओक्लाहोमा, साउथ डकोटा, टेनेसी और टेक्सास शामिल हैं। इन अमेरिकी राज्यों में गर्भपात पर सख्त प्रतिबंध जारी हैं।
बता दें कि गर्भपात पर हमारे देश भारत के कानूनी ढाँचे को काफी हद तक प्रगतिशील माना जाता है, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों की तुलना में जहाँ गर्भपात गंभीर रूप से प्रतिबंधित हैं। हालांकि भारत में लिंग का परीक्षण कराना और उसके बाद गर्भपात कराना अपराध है।