वाशिंगटन: दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर को खरीदने के बाद खरबपति अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क ने उम्मीद जताई है कि उनके सबसे बुरे आलोचक भी ट्विटर पर मौजूद रहेंगे क्योंकि बोलने की आजादी का यही मतलब होता है।
एक अन्य ट्वीट में मस्क ने बोलने की आजादी को कार्यशील लोकतंत्र का आधार बताया है। उन्होंने कहा कि ट्विटर डिजिटल टाउन स्क्वायर है जहां मानवता के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मामलों पर बहस होती है।
मस्क ने आगे कहा कि मैं नई सुविधाओं के साथ उत्पाद को बढ़ाकर, विश्वास बढ़ाने के लिए एल्गोरिदम को खुला स्रोत बनाकर, स्पैम बॉट्स को हराकर और सभी मनुष्यों को प्रमाणित करके ट्विटर को पहले से बेहतर बनाना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि मैं भी ट्विटर को पहले से बेहतर बनाना चाहता हूं. ट्विटर में जबरदस्त क्षमता है और मैं इस पूरा क्षमता को अनलॉक करने के लिए कंपनी और उपयोगकर्ताओं के समुदाय के साथ काम करने की आशा करता हूं।
'फ्री स्पीच' या 'बोलने की आजादी' क्या है?
'फ्री स्पीच' या 'बोलने की आजादी' दुनियाभर के लोकतांत्रिक देशों में महत्वपूर्ण नागरिक अधिकारों में से एक माना जाता है। लोकतांत्रिक देशों के संविधानों में नागरिकों के बोलने की आजादी को कानूनी प्रावधानों के माध्यम से संरक्षित किया गया है।
अमेरिका के पहले और 14वें संशोधन में बोलने की आजादी को सरकारी प्रतिबंधों के बिना जानकारी, विचार और राय साझा करना माना गया है। वहीं, भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) में कहा गया है कि सभी नागरिकों को वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होगा।
एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदा
बता दें कि, खरबपति एलन मस्क ने करीब 44 अरब डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण करने का समझौता किया है। कल रात, ट्विटर और एलन मस्क ने घोषणा की कि वे एक सौदे पर पहुंच गए हैं।
ट्विटर ने कहा कि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह एक निजी स्वामित्व वाली कंपनी बन जाएगी। यह सौदा इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।
सौदे के बाद ट्विटर के सह संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने कहा कि अधिकतम विश्वसनीय और व्यापक रूप से समावेशी प्लेटफॉर्म बनाने का एलन का लक्ष्य सही है।