अंकारा: तुर्किए और सीरिया में छह फरवरी को आए भीषण भूकंप से जमींदोज इमारतों के मलबे में दबे लोगों को लेकर बचाव कार्य जारी है। बचावकर्मी लगातार शव बाहर निकाल रहे हैं। दिन गुजरने के साथ मलबे में फंसे लोगों के जिंदा होने की संभावना भी घटती जा रही है। इस बीच भूकंप से मरने वालों की संख्या 45,000 से अधिक हो गई है। मलबे से और शव निकाले जाने के साथ मृतकों की संख्या आगे और बढ़ने की आशंका है।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने तुर्की राहत अभियान के लिए 1 बिलियन डॉलर से अधिक की धनराशि की अपील की है और सीरियाई लोगों के लिए 400 मिलियन डॉलर की अपील शुरू की है। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को तुर्किए और सीरियाई अरब गणराज्य दोनों में भूकंप के बाद स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए 84.5 मिलियन डॉलर की अपील की।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने एक बयान में कहा, "फ्लैश अपील इस मानवीय आपदा के बाद दोनों देशों में स्वास्थ्य की स्थिति, स्वास्थ्य के लिए मुख्य खतरों, भूकंप के बाद से डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया और दोनों देशों में स्वास्थ्य प्रभावों को संबोधित करने की प्राथमिकताओं को रेखांकित करती है।" मालूम हो, भूकंप प्रभावित तुर्किए में बचाव अभियान में हिस्सा लेने के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दो दल शुक्रवार को भारत लौट आए।
एनडीआरएफ के कुल तीन दलों को सात फरवरी को तुर्किए भेजा गया था। तुर्किए को सभी संभव सहायता देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद ये तीन दल वहां भेजे गये थे। आधिकारिक आंकड़े के अनुसार तुर्किए के गजियानटेप प्रांत के नुरदागी में एनडीआरएफ कर्मियों ने दो को मलबे से जिंदा निकाला और 85 शव भी खोजे। एक सरकारी बयान के अनुसार उन्होंने 39 घायलों को चिकित्सा सहायता भी प्रदान की।
(भाषा इनपुट के साथ)