अंकारा: तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप में 28 हजार से अधिर लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। छह हजार से भी ज्यादा इमारतें भूकंप और इसके बाद आए झटकों में गिर गईं। पिछले छह दिनों से प्रभावित इलाकों में बचावकार्य जारी है। चारो और तबाही का मंजर है लेकिन इस बीच कई लोगों की जान बच जाने के कुछ चमत्कारी किस्से भी सामने आ रहे हैं।
ऐसी ही एक कहानी शनिवार को सामने आई। तुर्की में हाते में प्रांत में दो महीने के एक बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बच्चे के बाहर निकाले जाने के साथ ही वहां खड़े लोगों ने तालियां बजाई और खुशी जाहिर की। विनाशकारी भूकंप के करीब 128 घंटे बाद यह बच्चा मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया।
छह महीने की गर्भवती और दो साल की बच्ची भी निकाली गई
तुर्की में कड़ाके की ठंड के बावजूद हजारों बचावकर्मी अभी भी लोगों की मदद में जुटे हैं। मलबे को हटाकर लोगों को निकालने की कोशिश जारी है। तुर्की की मीडिया ने बताया कि भूकंप के पांच दिन बाद बचाए गए लोगों में दो साल की एक बच्ची, छह महीने की गर्भवती महिला और 70 साल की एक महिला भी शामिल हैं।
समाचार वेबसाइट ‘हेबरतुर्क’ की खबर के अनुसार गंजियातेप प्रांत में भूकंप से बुरी तरह प्रभावित नूरदगी में मलबे से मां-बेटी हवा और फातमागुल असलान को सबसे पहले निकाला गया। टीम ने बाद में लड़की के पिता हसन असलान तक पहुंची, लेकिन उन्होंने बचावकर्मियों से पहले उसकी अन्य बेटी जेनेप और बेटे सालतिक बुगरा को बचाने की अपील की।
इसके बाद, असलान को भी बचावकर्मियों ने बाहर निकाला। इसके दो घंटे बाद, गंजियातेप प्रांत के ही इसलाहिये शहर में मलबे से तीन साल की बच्ची और उसके पिता को बाहर निकाला गया और इसके एक घंटे बाद हाते प्रांत में भूकंप के करीब 321 घंटे बाद सात साल की बच्ची को बचाया गया।
कड़ाके की सर्दी और घटती उम्मीदों के बावजूद शनिवार को करीब 12 लोगों को बचाया गया। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी का अनुमान है कि भूकंप के कारण सीरिया में कम से कम 53 लाख लोग बेघर हुए हैं।