भारत, बांग्लादेश के बीच साझेदारी के लिए साहसिक लक्ष्य फिर से तय करने का वक्त : मोदी

By भाषा | Published: March 26, 2021 12:56 PM2021-03-26T12:56:33+5:302021-03-26T12:56:33+5:30

Time to re-set bold targets for partnership between India, Bangladesh: Modi | भारत, बांग्लादेश के बीच साझेदारी के लिए साहसिक लक्ष्य फिर से तय करने का वक्त : मोदी

भारत, बांग्लादेश के बीच साझेदारी के लिए साहसिक लक्ष्य फिर से तय करने का वक्त : मोदी

ढाका, 26 मार्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 1975 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या से यह क्षेत्र उस मुकाम पर पहुंचने से वंचित रह गया जो ‘‘हम एक-दूसरे के साथ साझा’’ कर सकते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि यह वक्त एक बार फिर भारत और बांग्लादेश के बीच साझेदारी के लिए साहसिक लक्ष्य तय करने का है।

‘द डेली स्टार’ अखबार में शुक्रवार को ‘बंगबंधु के साथ एक अलग दक्षिण एशिया की कल्पना’ शीर्षक से प्रकाशित लेख में प्रधानमंत्री ने वादा किया कि भारत हमेशा बांग्लादेश का साझेदार रहेगा क्योंकि दोनों देश स्वर्णिम भविष्य की ओर मिलकर बढ़ रहे हैं जिसके लिए बंगबंधु, लाखों देशभक्त बांग्लादेशी तथा निश्चित तौर पर हजारों भारतीयों ने पूरी कोशिश की है।

उन्होंने लिखा, ‘‘अपनी साझेदारी के लिए पुन: साहसिक लक्ष्य तय करने का यह समय है। बंगबंधु रहते तो यही करते।’’

मोदी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश के राष्ट्रपिता की हत्या ने इस क्षेत्र को उस मुकाम तक पहुंचने से रोक दिया जो हम एक-दूसरे के साथ साझा कर सकते थे।’’

कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद से अपनी पहली विदेश यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे मोदी ने लिखा, ‘‘जब हम बंगबंधु के जीवन और संघर्ष की ओर मुड़़कर देखते हैं तो मैं अपने आप से पूछता हूं अगर आधुनिक युग के इस नायक की हत्या न हुई होती तो हमारा उपमहाद्वीप कैसा बन सकता था?’’

मोदी ने कहा कि बंगबंधु के हत्यारे बांग्लादेश की आजादी से मिले फायदों को खत्म करना चाहते थे जिसके लिए बंगबंधु ने संघर्ष किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही वे एक सहयोगात्मक, शांतिपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण उपमहाद्वीप बनाने के बंगबंधु के सपने पर घातक वार करना चाहते थे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनमें हम एक ऐसा दिग्गज नेता देखते थे जिनकी दूरदृष्टि भौतिक सीमाओं और सामाजिक विभाजन के संकीर्ण दायरों से कहीं आगे थी। इसलिए हम इस बहुत खास मुजीब वर्ष में बंगबंधु को श्रद्धांजलि देने के लिए अपने बांग्लादेशी बहनों और भाइयों के साथ हैं।’’

मोदी ने कहा कि बंगबंधु के साथ बांग्लादेश और यह क्षेत्र एक अलग रास्ते पर चला होता।

उन्होंने कहा, ‘‘एक संप्रभु, आत्मविश्वासी बांग्लादेश एक दुखद युद्ध की लपटों से बहुत तेजी से बाहर निकल रहा है। अगर यह जारी रहता तो संभवत: भारत और बांग्लादेश कई उपलब्धियां दशकों पहले ही हासिल कर लेते जो वे हाल फिलहाल में हासिल कर पाए।’’

भारत और बांग्लादेश के बीच 2015 के भूमि सीमा समझौते का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि बंगबंधु लंबे वक्त तक रहते तो यह उपलब्धि काफी पहले ही हासिल हो जाती।

मोदी ने लिखा, ‘‘मुझे विश्वास है कि विश्व को लेकर अपनी दूरदृष्टि से बंगबंधु ने हमारे उपमहाद्वीप के लिए कुछ बहुत बड़ा करने का साहस दिखाया होता। यह क्षेत्र खासकर बंगाल की खाड़ी का क्षेत्र कुछ और ही होता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हाल के दिनों में हुई यात्रा उम्मीद जगाती है। अच्छे पड़ोसी मुल्कों के रूप में हमने जटिल मुद्दों का भी शांतिपूर्ण समाधान निकाला है। हमने भूमि और समुद्री सीमाओं का समाधान किया है। हमारे बीच व्यापार ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचा है और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है।

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Web Title: Time to re-set bold targets for partnership between India, Bangladesh: Modi

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