नेपाली संसद में नए नक्शे को मंजूरी देने वाला विधेयक पारित, पीएम ओली ने योगी पर साधा निशाना, कहा- धमकी अस्वीकार्य

By अनुराग आनंद | Published: June 10, 2020 04:03 PM2020-06-10T16:03:53+5:302020-06-10T16:06:00+5:30

नेपाली संसद में नए नक्शे के प्रस्ताव पर बहस के दौरान पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा कि नेपाल को लेकर दिया गया योगी आदित्यनाथ का बयान निंदनीय है।

The bill approving the new map was passed in the Nepali parliament, PM Oli targeted the Yogi, said - Threat unacceptable | नेपाली संसद में नए नक्शे को मंजूरी देने वाला विधेयक पारित, पीएम ओली ने योगी पर साधा निशाना, कहा- धमकी अस्वीकार्य

योगी आदित्यनाथ पर नेपाल के पीएम केपी ओली ने दिया बयान (फाइल फोटो)

Highlightsसीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि नेपाली सरकार को राजनैतिक सीमाएं तय करने से पहले परिणामों के बारे में भी सोच लेना चाहिए।भारत के लिपुलेख में मानसरोवर लिंक बनाने को लेकर नेपाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के दस्तखत करते ही नया नक्शा कानून की शक्ल ले लेगा।

नई दिल्ली:नेपाल ने नए राजनीतिक नक्शे वाले संविधान संशोधन प्रस्ताव को संसद में मंजूरी दे दी है। द ट्रिब्यून की मानें तो नेपाली संसद के निचले सदन में इस सभी दलों की सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है। नए नक्शे में नेपाल ने भारत के कई हिस्से जैसे लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र के रूप में दिखलाया है। हालांकि, भारत ने नेपाल के इस दावे को ख़ारिज किया है।

नवभारत टाइम्स रिपोर्ट की मानें तो जब नेपाल के संसद में इस प्रस्ताव पर बहस हो रही थी, तो इस दौरान नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा कि नेपाल को लेकर दिया गया योगी आदित्यनाथ का बयान निंदनीय है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि धमकी भरा किसी तरह का शब्द उन्हें अस्वीकार्य है। 

बता दें कि सीएम योगी ने नेपाली सरकार को आगाह करते हुए कहा था कि उसे अपने देश की राजनैतिक सीमाएं तय करने से पहले परिणामों के बारे में भी सोच लेना चाहिए। उन्हें यह भी याद करना चाहिए कि तिब्बत का क्या हश्र हुआ?

बता दें कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने इस सिलसिले में प्रतिनिधि सभा के समक्ष नए राजनीतिक नक्शे और एक नए राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को मान्यता देने का प्रस्ताव रखा था। नेपाल की संसद में मंगलवार को इस पर बहस हुई और संविधान में संशोधन को स्वीकृति मिल गई।

KP Oli invites PM Modi to visit Nepal | english.lokmat.com

प्रस्ताव को मंजूरी के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा-
भारतीय लोकतंत्र के तरह ही नेपाल के संसद में भी किसी भी प्रस्ताव पर बहस के बाद जब उसे मंजूरी मिल जाती है, तो उसे कानून का रूप देने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। अब यह संविधान संशोधन विधेयक राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। उनके दस्तखत करते ही नया नक्शा कानून की शक्ल ले लेगा।

नेपाली संसद में मंगलवार देर शाम तक नक्शे को लेकर चर्चा हुई। वहीं, नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने भारत से फिर बातचीत का अनुरोध किया है।

क्या है विवाद?
भारत के लिपुलेख में मानसरोवर लिंक बनाने को लेकर नेपाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उसका दावा है कि लिपुलेख, कालापानी और लिपिंयाधुरा उसके क्षेत्र में आते हैं। नेपाल ने इसके जवाब में अपना नया नक्शा जारी कर दिया जिसमें ये तीनों क्षेत्र उसके अंतर्गत दिखाए गए।

इस नक्शे को जब देश की संसद में पास कराने के लिए संविधान में संशोधन की बात आई तो सभी पार्टियां एक साथ नजर आईं। इस दौरान पीएम केपी शर्मा ओली ने भारत को लेकर सख्त रवैया अपनाए रखा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर जाने वाले रास्ते का उद्घाटन किया, तभी नेपाल ने इसका विरोध किया था।

Web Title: The bill approving the new map was passed in the Nepali parliament, PM Oli targeted the Yogi, said - Threat unacceptable

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