टेरर फंडिंग मामले को लेकर फायनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को 27 बिन्दुओं का प्लान दिया था, जिससे वह ब्लैकलिस्ट होने से बच सके। लेकिन, अब वह इस पर खरा उतरता दिखाई नहीं दे रहा है। खबर है कि जिन बिन्दुओं को एफएटीएफ ने उठाया था उनमें से सिर्फ छह बिंदुओं पर ही काम कर पाया है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए ब्लैकलिस्ट होने से बच पाना मुश्किल होता जा रहा है।
पाकिस्तान वर्तमान में FATF लिस्ट की 'ग्रे सूची' पर आधारित है और अगले महीने पेरिस में एफएटीएफ की बैठक है, जिसमें वह अपनी स्थिति की अंतिम समीक्षा करेगा। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के उद्देश्य मानक निर्धारित करना, धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए अन्य संबंधित खतरों से निपटने के लिए कानून, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है।
खबरों के अनुसार, पाकिस्तान में एफएटीएफ की कार्ययोजना के कार्यान्वयन की निगरानी करने वाले सूत्रों का कहना है कि उसने संयुक्त राष्ट्र के नामित 100 आतंकवादियों में से केवल पांच को अपने क्षेत्र के भीतर स्थित बताया है। इन पांचों में लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इन्सानियत के मालिक हाफिज मोहम्मद सईद शामिल हैं।
सईद को आतंकी वित्तपोषण के आरोप में जुलाई में पाकिस्तानी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। वह तब से हिरासत में है। पाकिस्तान से आ रही रिपोर्टों के अनुसार, मदरसों और औषधालयों सहित 900 से अधिक संपत्तियों को आतंकी वित्तपोषण के लिए जब्त कर लिया गया है। इनमें से 750 संपत्तियां कथित रूप से फलाह-ए-इन्सानियत से जुड़ी हैं, जबकि 150 जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी हैं।
हालांकि, पाकिस्तान को जब्त संपत्तियों के पीछे धन के स्रोत की पहचान करना या उनके मालिकों के खिलाफ कोई भी मामला दर्ज करना बाकी है। इसके अलावा, जब्त की गई संपत्तियों में से कोई भी हथियार, विस्फोटक डंप या आतंकी प्रशिक्षण शिविर जैसी सक्रिय आतंकी सुविधाएं नहीं हैं।
एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में रखने के एक साल बाद जुलाई में 23 आतंकी फंडिंग के मामले दर्ज किए गए थे और उसने पाकिस्तान से ब्लैकलिस्ट से बचने के लिए 27-प्वाइंट एंटी-टेरर फाइनेंसिंग प्लान देने को कहा था। इन मामलों में लगभग 65 सक्रिय आतंकवादियों को नामित किया गया था।
इससे पहले खबरें आई थीं कि एफएटीएफ के समीक्षक समूह (एशिया पेसिफिक ज्वाइंट ग्रुप) कैनबरा में पेश की गई अगस्त 18 से 23 तक की एशिया पेसिफिक ग्रुप की म्यूचुअल इवेल्यूएशन रिपोर्ट से कम ही आश्वस्त हुआ और उसने पाकिस्तान को सुधारवादी कदम उठाने के लिए फॉलो अप में रखा।