अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबानी आतंकी पहुंच चुके हैं. खबर है कि तालिबान में किसी भी वक्त तख्ता पलट हो सकता है. तालिबानी लीडर्स अफगाननिस्तान के वरिष्ठ नेताओं और अधिकारी से इस मामले में बातचीत कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबानी लीडर्स ने कहा है कि वो लोग राजधानी काबुल में हिंसा नहीं करेंगे, शांति से राजनेताओं से 'तख्ता पलट' के लिए समझौता करेंगे.
इससे कुछ देर पहले ही खबर थी कि, तालिबान आतंकियों ने काबुल शहर को चारों ओर से घेर लिया है और राजधानी में एंट्री शुरू कर दी है. इसे देखते हुए अमेरिकी दूतावास के ऊपर सुरक्षा के मद्देनजर अमेरिकी हेलीकॉप्टर मंडराने लगे. वहीं तालिबान ने कहा है कि वो राजधानी में हिंसा नहीं करना चाहता.
वहीं न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल में गोलीबारी की रूक-रूककर आ रही आवाज के बीच तालिबान ने काबुल को ‘जबरदस्ती’ अपने कब्जे में नहीं लेने का संकल्प लिया है. इस मामले में तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वो शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं. तालिबान ने कहा, ‘‘किसी की भी जान, संपत्ति, सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और काबुल के नागरिकों की जिंदगी पर खतरा नहीं होगा.’’
राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में प्रवेश से पूर्व रविवार सुबह चरमपंथी संगठन ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया था. इसके कुछ घंटे बाद रविवार को अमेरिका के बोइंग सीएच-47 हेलीकॉप्टर यहां अमेरिकी दूतावास पर उतरे. काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था. यह पाकिस्तान से लगती एक प्रमुख सीमा के निकट स्थित है. अब अफगानिस्तान की केंद्रीय सरकार के अधिकार में देश की 34 प्रांतीय राजधानियों में से काबुल के अलावा छह अन्य प्रांतीय राजधानी ही बची हैं.
अमेरिकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे और इनके साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गई. हालांकि अमेरिका सरकार ने अभी इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है. दूतावास की छत के निकट धुआं उठता देखा गया जिसकी वजह अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों के मुताबिक राजनयिकों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाना है. अमेरिकी दूतावास के निकट सिकोरस्की यूएस-60 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर भी उतरे. इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल आमतौर पर सशस्त्र सैनिकों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है.