ताइवान की संसद ने एशिया का पहला समलैंगिक विवाह विधेयक पारित किया
By भाषा | Published: May 17, 2019 02:32 PM2019-05-17T14:32:36+5:302019-05-17T14:32:36+5:30
द्वीपीय देश के सांसदों ने एक विधेयक को मंजूरी दे दी जिससे समलैंगिक जोडों को ‘‘विशिष्ट स्थायी संघ’’ बनाने और सरकारी एजेंसियों में ‘‘विवाह के लिए पंजीकरण’’ कराने की अनुमति दी। यह वोट ताइवान के एलजीबीटी समुदाय के लिए बड़ी जीत है।
ताइवान की संसद ने रूढ़िवादी सांसदों के विरोध के बावजूद शुक्रवार को एशिया के पहले समलैंगिक विवाह को कानूनी अमलीजामा पहना दिया है।
द्वीपीय देश के सांसदों ने एक विधेयक को मंजूरी दे दी जिससे समलैंगिक जोडों को ‘‘विशिष्ट स्थायी संघ’’ बनाने और सरकारी एजेंसियों में ‘‘विवाह के लिए पंजीकरण’’ कराने की अनुमति दी। यह वोट ताइवान के एलजीबीटी समुदाय के लिए बड़ी जीत है जिन्होंने अलग-अलग लिंग के दंपत्तियों की तरह ही समान विवाह अधिकारों के लिए वर्षों तक संघर्ष किया।
संसद में मतदान के बीच भारी बारिश के बावजूद सैकड़ों समलैंगिक अधिकार समर्थक संसद के समीप एकत्रित हो गए। इस मुद्दे को लेकर देश के लोगों की राय बंटी हुई है। गौरतलब है कि ताइवान की शीर्ष अदालत ने कहा था कि एक ही लिंग के जोड़ों को शादी करने की अनुमति ना देना संविधान का उल्लंघन होगा।
न्यायाधीश ने सरकार को कानून में बदलाव करने के लिए इस साल 24 मई तक का समय दिया है। लेकिन उनके पास कोई दिशा निर्देश नहीं है कि यह कैसे किया जाएगा।