कराची, 30 जुलाईः पाकिस्तान के कराची के कयूमाबाद में कूड़ेदान में बैलेट पेपर का ढेर पाया गया है। इसमें कई पार्टियों को वोट की गए, मुहर लगे हुए बैलेट पेपर से भती मतपेटियां मिली हैं। इसके अलावा सियालकोट शहरों में भी सड़क किनारे 5 खाली मतपेटियां और कुछ मतपत्र मिले हैं। पाकिस्तानी टीवी चैनलों में इसके वीडियो चल रहे हैं। सोशल मीडिया में ये क्लिप्स जमकर वायरल हो रही हैं।
पाकस्तानी अखबार डॉन में छपी खबर के अनुसार डीआईजी पुलिस अमीर फारूकी ने इन मत पत्रों के बारे में बताया, एनए-241 सीट से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के उम्मीदवार मोअज्जम अली कुरैशी ने पुलिस को यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तानी मुस्लीम लीग- नवाज (पीएमएलएन) ने लगातार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पर चुनाव में धांधली के आरोप लगा रही है। पार्टी अध्यक्ष शाहबाज शरीफ कई खुले मंचों से चुनाव में धांधली के आरोप लगाए। लेकिन जब से बैलेट पेपर सड़क पर मिल हैं। तब से विपक्ष एक बार फिर से हमलावर है।
पाकिस्तान चुनाव में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदी देखने को मिली: ईयू टीम
यूरोपीय संघ के चुनाव पर्यवेक्षकों की एक टीम ने आज कहा कि इस हफ्ते पाकिस्तान के आम चुनाव में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदियां और प्रचार के लिए उम्मीदवारों को असमान अवसर दिए जाने जैसी चीजें देखने को मिली।
यूरोपीय संघ चुनाव पर्यवेक्षण मिशन (ईयू ईओएम) ने 25 जुलाई के आम चुनाव के अपने प्रारंभिक आंकलन में कहा है कि मीडिया संगठन और पत्रकार इन पाबंदियों से प्रभावित हुए।
ईयू के मुख्य पर्यवेक्षक माइकल गेहलर एमईपी (जर्मनी) के नेतृत्व वाली टीम ने कहा कि नये चुनाव कानून में सकारात्मक बदलावों के बावजूद चुनाव प्रक्रिया राजनीतिक माहौल से नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई।
उन्होंने बताया कि ईयू के 120 पर्यवेक्षकों ने पंजाब , सिंध , खैबर पख्तूनख्वा और इस्लामाबाद में 113 निर्वाचन क्षेत्रों के 582 मतदान केंद्रों पर चुनाव प्रक्रिया का अवलोकन किया।
वहीं , स्वतंत्र फेयर एंड फ्री इलेक्शन नेटवर्क (एफएएफईएन) ने अपनी प्रारंभिक चुनाव पर्यवेक्षण रिपोर्ट में कहा है कि देश में मतदान की संपूर्ण प्रक्रिया सहज और निष्पक्ष रही , हालांकि मामूली अनियमितताएं भी दर्ज की गई।
उल्लेखनीय है 25 जुलाई को पाकिस्तान में हुए चुनाव में पीटीआई को 116, पीएमएलएन को 64 और पीपीपी को 42 सीटें मिली हैं। देश में कुल 272 नेशनल असेंबली सीटों पर चुनाव हुए थे। लेकिन कुछ सीटों पर उम्मीदवारों की मृत्यू हो जाने के चलते चुनाव टाल दिए गए थे।
(भाषा के इनपुट के साथ)
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