श्रीलंका में गहराया राजनीतिक संकट, स्पीकर ने कहा- जल्द नहीं निकला हल तो बह सकती हैं 'खून की नदियां'

By भाषा | Published: October 30, 2018 04:15 AM2018-10-30T04:15:01+5:302018-10-30T04:15:01+5:30

राष्ट्रपति सिरीसेना ने शुक्रवार को पूरे देश को हैरत में डालते हुए विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था और राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने की घोषणा की थी।

Sri Lanka political crisis parliaments speaker warning of bloodshed | श्रीलंका में गहराया राजनीतिक संकट, स्पीकर ने कहा- जल्द नहीं निकला हल तो बह सकती हैं 'खून की नदियां'

श्रीलंका में गहराया राजनीतिक संकट, स्पीकर ने कहा- जल्द नहीं निकला हल तो बह सकती हैं 'खून की नदियां'

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे ने सोमवार को देश के नये प्रधानमंत्री का पद भार संभाल लिया, जबकि इस पद से अपदस्थ कर दिए गये रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि उन्हें संसद में अभी तक बहुमत हासिल है। इस बीच, स्पीकर ने कहा कि यदि इस राजनीतिक संकट का तुरंत हल नहीं निकाला गया तो सड़कों पर रक्तपात हो सकता है।

राष्ट्रपति सिरीसेना ने शुक्रवार को पूरे देश को हैरत में डालते हुए विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था और राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने की घोषणा की थी। राजपक्षे ने प्रधानमंत्री सचिवालय में अपना पद भार संभाल लिया है। अपदस्थ कर दिए गये प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे इसका उपयोग नहीं करते थे। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के नये मंत्रिमंडल को भी शपथ दिलायी गयी, जिसमें राजपक्षे का नाम वित्त एवं आर्थिक मामलों के नये मंत्री के रूप में है।

नये मंत्रिमंडल में महज 12 मंत्री हैं जिनमें एक राज्य मंत्री एवं एक उप मंत्री है। नये मंत्रियों में तीन वे भी हैं जो विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) से पाला बदलकर आए हैं। मंत्रिमंडल का एक नया चेहरा डगलस देवानंद हैं। जाफना के उत्तरी जिले से आने वाले देवानंद को पुनस्र्थापन एवं पुनर्वास, उत्तरी विकास एवं हिन्दू धार्मिक मामलों का मंत्री बनाया गया है।

अरूमुगम थोंडामन को पर्वतीय क्षेत्र विकास का मंत्री बनाया गया है। वह केन्द्रीय चाय बागान में भारतीय मूल के तमिलों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

सिरीसेना ने संसद को 16 नवंबर तक स्थगित कर दिया क्योंकि विक्रमसिंघे ने अपना बहुमत साबित करने के लिए संसद का आपात सत्र बुलाने का अनुरोध किया था।

श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष (स्पीकर) कारू जयसूर्या ने आगाह किया है कि रक्तपात हो सकता है क्योंकि कुछ लोग इस विषय को सड़कों पर सुलझाना चाहते हैं।

जयसूर्या ने कैंडी में संवाददाताओं से कहा कि इस मुद्दे का समाधान संसद के भीतर निकाला जाना चाहिए। ‘‘कुछ लोग इसका समाधान बाहर सड़कों पर करना चाहते हैं। यदि इसकी अनुमति दी जाती है तो रक्तपात हो सकता है। दो लोग पहले ही मारे जा चुके हैं। देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचेगा।’’ 

श्रीलंका में रविवार को संकट ने उस समय और गंभीर मोड़ ले लिया, जब सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी सीलोन पेट्रोलियम के मुख्यालय में अपदस्थ कैबिनेट के पेट्रोलियम मंत्री अर्जुन राणातुंगे ने अपने कार्यालय में फिर से प्रवेश का प्रयास किया। हालांकि तभी हिंसा भड़क उठी।

इस घटना के कारण पूर्व क्रिकेटर रणतुंगा को सोमवार को गिरफ्तार किया गया।

विक्रमसिंघे अभी तक प्रधानमंत्री के टेंपल ट्रीज कार्यालय सह निवास में बने हुए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि उन्हें संसद में बहुमत हासिल है तथा संसद की बैठक होने पर वह इसे साबित कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी संसद में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।’’ 

उन्होंने कहा कि अब समाधान संसद के पास है तथा संघर्ष का समाधान निकालने के लिए इसे आहूत किया जाना चाहिए।

सिरीसेना ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में काह कि विक्रमसिंघे को उनके ‘अहंकारी’ रवैये के कारण हटाया गया तथा उन्होंने सुशासन की परिकल्पना को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था।

सिरीसेना ने यूएनपी नेता पर उनकी हत्या की साजिश को बहुत हल्के में लिये जाने का आरोप लगाया।

राष्ट्रपति के इस आरोप के जवाब में विक्रमसिंघे ने कहा कि सिरीसेना अपने गलत कामों को छिपाने के लिए हत्या के प्रयास की चर्चा कर रहे हैं।

सिरीसेना पर संसद बर्खास्त करने के उनके निर्णय के कारण अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ रहा है। संरा महासचिव एंटोनियो गुतारेस तथा अमेरिकी विदेश विभाग ने श्रीलंका की सरकार से लोकतांत्रिक मूल्यों तथा संवैधानिक प्रावधानों एवं प्रक्रियाओं का सम्मान करने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि 2015 में सिरीसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे को हराया था। उन्हें विक्रमसिंघे की यूएनपी का समर्थन प्राप्त है।

कोलंबो में सुरक्षा प्रबंधों को चाक चौबंद किया गया है तथा राष्ट्रपति सिरीसेना के सरकारी आवास वाले क्षेत्र को आम यातायात के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।

Web Title: Sri Lanka political crisis parliaments speaker warning of bloodshed

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