श्रीलंका संकट: संसद के बाहर छात्रों पर आंसू गैस से हमला, दूसरी बार लगा आपातकाल, पाई-पाई के लिए संघर्ष कर रहा है श्रीलंका

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 7, 2022 16:01 IST2022-05-07T15:56:28+5:302022-05-07T16:01:27+5:30

श्रीलंका में छात्रों के तीखे विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए संसद भवन के बाहर सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। छात्र श्रीलंका की खराब हुई आर्थिक स्थिति के लिए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

Sri Lanka crisis: Attack on students outside Parliament with tear gas again Emergency imposed for the second time, Sri Lanka is struggling fiercely for money | श्रीलंका संकट: संसद के बाहर छात्रों पर आंसू गैस से हमला, दूसरी बार लगा आपातकाल, पाई-पाई के लिए संघर्ष कर रहा है श्रीलंका

श्रीलंका संकट: संसद के बाहर छात्रों पर आंसू गैस से हमला, दूसरी बार लगा आपातकाल, पाई-पाई के लिए संघर्ष कर रहा है श्रीलंका

Highlightsश्रीलंका 1948 में मिली अपनी आजादी के बाद से सबसे खराब हालात का सामना कर रहा हैश्रीलंका की जनता को भोजन, दवाइयों और जरूरी सामानों की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा हैश्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी ने कहा कठिन आर्थिक परिस्थितियों से निकलने में दो-तीन साल लगेंगे

कोलंबो: राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के द्वारा देश में दूसरी बार आपातकाल लगाये जाने की घोषणा के एक दिन पहले यानी गुरुवार को छात्रों ने श्रीलंकाई संसद पर धावा बोलने की कोशिश की थी।

छात्रों के तीखे विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए संसद भवन के बाहर सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। संसद के बाहर इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारी छात्र श्रीलंका की खराब हुई आर्थिक स्थिति के लिए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे।

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक छात्रों ने संसद भवन के पास स्थित एक यूनिवर्सिटी से विरोध मार्च निकाला और पुलिस द्वारा रोके जाने पर संसद भवन के पास स्थित एक झील के पास बैठ गये। पुलिस ने जब छात्रों पर आंसू गैसे के गोले छोड़े तो घटना के वक्त मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस ने आंसू गैस के गोलों से दियाथा उयाना पार्क की दुकानों में भी आग लग गई।

पुलिस ने छात्रों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए संसद भवन परिसर के चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए हैं और वहां पर भारी मात्रा में सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है।

मालूम हो कि श्रीलंका की 22 मिलियन आबादी बीते कुछ महीनों से भोजन, ईंधन और जरूरी दवाओं की भारी किल्लत का सामना कर रही है। देश की खराब आर्थिक हालात के कारण जनता बीते कुछ समय से राष्ट्रपति राजपक्षे और उनके रसूख वाले राजनैतिक परिवार के अन्य सदस्यों की सरकार से इस्तीफे देने की मांग कर रही है। साल 1948 में मिली अपनी आजादी के बाद से श्रीलंका सबसे खराब हालात का सामना कर रहा है।

वहीं जनता के भारी विरोध के बावजूद राष्ट्रपति और उनके शक्तिशाली परिवार ने स्पष्ट कर दिया है कि वे सरकार से इस्तीफा नहीं देंगे और न ही शासन की बागडोर किसी और के हाथ में देंगे। वहीं श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी ने बीते बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि देश को इस कठिन आर्थिक परिस्थितियों से निकलने में कम से कम दो साल और लगेंगे।

वित्त मंत्री सबरी ने कहा कि देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार के नाम पर 50 मिलियन डॉलर से भी कम बचा है। साबरी ने कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में राहत में हुई देरी के कारण स्थितियां काबू से बाहर हो गईं। दरअसल बीते दो सालों के कोरोना महामारी के कारण श्रीलंका का पर्यटन उद्योग बुरी से प्रभावित हुआ था, जिसके कारण श्रीलंका की आर्थिक स्थिति बेहद खतरनाक स्तर तक गिर गई। 

Web Title: Sri Lanka crisis: Attack on students outside Parliament with tear gas again Emergency imposed for the second time, Sri Lanka is struggling fiercely for money

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