श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए धमाकों के आलोक में सोमवार की आधी रात से आपातकाल लगाया जाएगा, जिससे सुरक्षाबलों की आतंकवाद निरोधक शक्तियां बढ़ेंगी। इन धमाकों में 290 लोगों की मौत हो गयी और 500 से अधिक अन्य घायल हो गये। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। श्रीलंका के पेट्टा स्थित बेस्टियन मवाथा के एक निजी बस स्टैंड से पुलिस ने 87 डेटोनेटर बम बरामद किए हैं।
राष्ट्रपति की मीडिया इकाई के बयान के अनुसार एनएससी ने आधीरात से सशर्त आपातकाल लगाने का निर्णय लिया है। बयान के अनुसार यह उपाय आतंकवाद को निशाना बनाने के लिए उठाया गया है, इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित नहीं होगी। बयान में कहा गया है, ‘‘ये आतंकवाद निरोधक विनियमों तक ही सीमित होंगे।
ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि पुलिस और सशस्त्र बलों के तीनों अंग लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएं।’’ आपात विनिमयों से पुलिस को सुरक्षा के उल्लंघन की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक शक्तियां मिल जाएंगी। सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय शोक दिवस की घोषणा की है। बयान के अनुसार सिरिसेना देश में आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग मांगेंगे।
खुफिया इकाई ने संकेत दिया है कि जिन स्थानीय आतंकवादियों पर ईस्टर के मौके पर विस्फोटों की साजिश रचने का संदेह है उन्हें अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों का सहयोग मिला है। बयान में कहा गया है, ‘‘ उनसे मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग मांगा जाएगा। ’’