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ओमीक्रोन के डर से यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले देशों पर फूटा दक्षिण अफ्रीका का गुस्सा

By भाषा | Updated: November 28, 2021 17:57 IST

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(फाकिर हसन)

जोहानिस्बर्ग, 28 नवंबर दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष स्वास्थ्य महासंघ ने रविवार को उन 18 देशों की खिंचाई की, जिन्होंने कोरोना वायरस के नये अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ओमीक्रोन की आशंका पर देश पर यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं। उसने कहा कि दुनिया को अगर महत्वपूर्ण चिकित्सा डेटा साझा करने में पारदर्शिता चाहिए तो उसे इस तरह की "बिना सोचे समझे की गई प्रतिक्रिया" से बचना चाहिए।

पहली बार दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नये स्वरूप बी.1.1.529 को शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा "चिंता के स्वरूप" के रूप में नामित किया गया जिसने इसे “ओमीक्रोन” नाम दिया।

दक्षिण अफ़्रीकी मेडिकल एसोसिएशन (एसएएमए) के अध्यक्ष एंजेलिक कोएत्ज़ी ने कहा कि 18 देशों द्वारा दक्षिण अफ्रीका के लिए उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय समय से पहले लिया गया, क्योंकि अब भी इस बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है कि यह स्वरूप कितना खतरनाक हो सकता है।

कोएत्जी ने खोज को बताने के फैसले का भी बचाव किया और कहा कि इसके लिए दक्षिण अफ्रीका की तारीफ की जानी चाहिए न कि उसे बदनाम करना चाहिए।

उन्होंने टीवी समाचार चैनल ‘न्यूजरूम अफ्रीका’ से कहा, “मेरा संदेह यह है कि क्योंकि हमारे वैज्ञानिक बहुत सतर्क हैं और पृष्ठभूमि में बहुत सी सीक्वेंसिंग कर रहे हैं, हो सकता है कि उन यूरोपीय देशों से लक्षणों के कारण चूक हुई हो।”

ब्रिटेन ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि दक्षिण अफ्रीका और पांच पड़ोसी देशों से सभी उड़ानों पर शुक्रवार से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

कई अन्य यूरोपीय देशों ने भी बाद में प्रतिबंधों की घोषणा की, जिनमें से अधिकांश ने संकेत दिया कि केवल उनके अपने नागरिकों को वापस आने की अनुमति होगी बशर्ते वे पृथक-वास में रहेंगे। कई अन्य देशों ने अब अफ्रीकी राष्ट्र से उड़ानों को पूरी तरह से विनियमित या प्रतिबंधित करना शुरू कर दिया है।

कोएत्जी ने कहा, “लक्षण डेल्टा (स्वरूप) के समान नहीं हैं। यह काफी हद तक बीटा (स्वरूप) से मिलता-जुलता है और आप लक्षणों में आसानी से चूक कर सकते हैं। मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका में जो हुआ वह यह है कि हमने पिछले आठ से दस हफ्तों में प्रति सप्ताह लगभग एक या दो रोगियों में कोविड से संबंधित लक्षणों को देखा है।”

कोएत्ज़ी ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 पर सलाहकार परिषद को सचेत करने का निर्णय लिया कि नए लक्षण हैं जो डेल्टा स्वरूप के लक्षणों से मेल नहीं खा रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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