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कुछ अफगानों ने तालिबान को पर्वतीय क्षेत्र में बढ़ने से रोकने का संकल्प लिया

By भाषा | Updated: August 24, 2021 21:31 IST

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काबुल, 24 अगस्त (एपी) काबुल के उत्तर में एक पर्वत घाटी में अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों के अंतिम बचे-खुचे सैनिकों ने तालिबान को एक सुदूर क्षेत्र में रोककर रखने का संकल्प लिया है। हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला में फैली पंजशीर घाटी का एक संकरा प्रवेश मार्ग है और यह एकमात्र क्षेत्र है, जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ है। स्थानीय लड़ाकों ने 1980 के दशक में सोवियत सैनिकों को और एक दशक बाद गुरिल्ला लड़ाके अहमद शाह मसूद के नेतृत्व में तालिबान को रोका था। मसूद के विदेश में शिक्षित 32 साल के बेटे अहमद मसूद और कई शीर्ष अधिकारी घाटी में जमा हैं। इनमें उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह हैं जो राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर जाने के बाद कार्यवाहक नेता होने का दावा करते हैं। उन्होंने तालिबान को रोकने का संकल्प लिया है और उन्हें खदेड़ने में मदद के लिए पश्चिमी सहायता का आह्वान कर रहे हैं। मसूद ने वाशिंगटन पोस्ट में एक लेख में लिखा, ‘‘मैं आज पंजशीर घाटी से लिख रहा हूं। मुजाहिदीन लड़ाकों के साथ अपने पिता के पदचिह्नों पर चलने को तैयार हूं, जो एक बार फिर तालिबान से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास हथियारों और गोला-बारूद के भंडार हैं, जो हमने अपने पिता के समय से एकत्रित किये हैं, क्योंकि हम जानते थे कि यह दिन आ सकता है।’’ हालांकि, विशेषज्ञ कहते हैं कि तालिबान को सफलतापूर्वक रोक पाना असंभव सा है और इससे अफगानिस्तान की पहले से ही मौजूद जटिल समस्याएं और बढ़ सकती हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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