इस्लामाबादः पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के नेता शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली। शहबाज शरीफ देश के 23वें प्रधानमंत्री हैं। सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की अनुपस्थिति में 70 वर्षीय शहबाज को पद की शपथ दिलाई।
अल्वी पीएमएल-एन नेता के शपथ लेने से पहले ‘अस्वस्थता’ के कारण छुट्टी पर चले गए। तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के 70 वर्षीय छोटे भाई शहबाज मुल्क के सबसे ज्यादा आबादी वाले और राजनीतिक रूप से अहम पंजाब प्रांत के तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं।
उनकी पार्टी पीएमएल-एन - खासकर इसके सुप्रीमो नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद के लिए उनके नाम पर सहमति व्यक्त की है। पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरादरी ने संयुक्त विपक्ष की बैठक में प्रधानमंत्री पद के लिए शहबाज़ के नाम का प्रस्ताव रखा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि भारत आतंक मुक्त क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है, ताकि हम अपनी विकास चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें और अपने लोगों की भलाई और समृद्धि सुनिश्चित कर सकें।
पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ के संसद में मतदान में भाग नहीं लेने और वॉकआउट करने की घोषणा की थी, जिसके बाद 70 साल के शहबाज प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अकेले उम्मीदवार रह गये थे।
स्पीकर अयाज सादिक ने इस सत्र की अध्यक्षता की और नतीजों की घोषणा की जिसके अनुसार, ‘‘शरीफ को 174 वोट मिले हैं और उन्हें पाकिस्तान इस्लामी गणराज्य का प्रधानमंत्री घोषित किया जाता है।’’ तीन सौ 42 सदस्यीय सदन में जीत के लिए कम से कम 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी।
प्रधानमंत्री के रूप में सदन में अपने पहले भाषण में शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है।’’ उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए आज बड़ा दिन है, जहां एक चुने हुए प्रधानमंत्री को कानूनी और संवैधानिक तरीके से घर भेज दिया गया है।
तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज ने कहा कि अमेरिकी डॉलर का मूल्य आज 8 रुपये कम होना ‘जनता की खुशी’ को दर्शाता है। उन्होंने शीर्ष अदालत के ‘सर्वसम्मति से दिये गये’ फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने जिस दिन फैसला सुनाया, उसे पाकिस्तान के इतिहास में ‘ऐतिहासिक दिन’ के तौर पर दर्ज किया जाना चाहिए।
सितंबर 1951 में लाहौर में पंजाबी भाषी कश्मीरी परिवार में जन्मे शहबाज़ ने 1980 के दशक के मध्य में अपने बड़े भाई नवाज़ के साथ राजनीति में प्रवेश किया। वह पहली बार 1988 में पंजाब विधानसभा के सदस्य चुने गए जब नवाज़ पंजाब के मुख्यमंत्री बने।
शहबाज़ पहली बार 1997 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने जब उनके भाई केंद्र में प्रधानमंत्री थे। साल 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने तख्तापलट कर नवाज़ शरीफ को बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद शहबाज़ अपने परिवार के साथ आठ साल तक सऊदी अरब में निर्वासन में रहे और 2007 में वतन लौटे। वह 2008 में दूसरी और 2013 में तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने।
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए शहबाज शरीफ के शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ''तबीयत खराब'' होने की शिकायत की। शरीफ को अल्वी द्वारा शपथ दिलाया जाना प्रस्तावित था। अल्वी अविश्वास प्रस्ताव के जरिये अपदस्थ किए गए इमरान खान की पार्टी के सदस्य थे।
राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी संक्षिप्त बयान में कहा गया, '' राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने बेचैनी महसूस होने की शिकायत की है। चिकित्सकों ने उनकी गहनता से जांच की और उन्हें कुछ दिन आराम करने की सलाह दी है।'' हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि शपथग्रहण समारोह आयोजित होगा या नहीं?