जेनेवा, 13 मार्च। जेनेवा में चल रही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की वैश्विक बैठक के 37 वें सत्र में पाकिस्तान की ईसाई महिला एक्टिविस्ट शाजिया खोखर ने ईसाई अल्पसंख्यकों की पाकिस्तान में ईसाइयों की चिंताजनक स्थित का ब्योरा दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में महज 2 से 3 फीसदी ईसाई अल्पसंख्यक हैं लेकिन उन्हें भी इस्लामिक कट्ठरपंथियों द्वारा व्यवस्थित तरीके से सताया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में रह रहे ईसाई अल्पसंख्यक पाकिस्तान में डर के साए में जीने को मजबूर हैं। इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान इस देश का आधिकारिक नाम है जहां धार्मिक अल्पसंख्यकों को व्यवस्थित रूप से परेशान और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।
पाकिस्तान के एक पत्रकार नें जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद सत्र में अपनी बात कहते हुए पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की चिंताजनक स्थिति के बारे में बताया था। पत्रकार आरिफ तौकीर ने कहा था कि, पाकिस्तान में अभियक्ति की स्वतंत्रता नाम की कोई चीज नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ बयान देते हुए कहा कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तोंत्वा और पीओके में हालात अब तक सामान्य नहीं हुए। अत्याचार करने वाले अमानवीय चेहरे कई बार सामने आते हैं।
पत्रकार आरीफ तौकीर ने कहा कि, बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तोंखवा और पीओके में अल्पसंख्यकों पर उत्पीड़न, हत्याओं और अपहरण के मामले सामने आ रहे हैं। खास बात यह है कि वहां की मुख्यधारा के मीडिया में इन जैसे मानव अधिकारों के उल्लंघन की सूचना नहीं दी जा रही है और यह बहुत खतरनाक है।