नई दिल्ली:सऊदी अरब में खुफिया विभाग के पूर्व चीफ प्रिंस तुर्की-अल-फैजल ने गाजा को भारत में हुए आजादी के लिए 'सविनय अवज्ञा' आंदोलन का रास्ता चुनने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, इसी के जरिए भारत को अंग्रेजी शासन से आजादी मिली थी।
साथ ही प्रिंस ने हमास और इजरायल की आलोचना भी की। इसके अलावा उन्होंने कहा, युद्ध में कोई नायक नहीं बनने जा रहा है, केवल पीड़ितों की संख्या ही बढ़ेगी।
अमेरिका में सऊदी अरब के पूर्व राजदूत प्रिंस तुर्की अल फैसल अल सऊद ने संबोधन के शुरू में ही कहा, कब्जे वाले क्षेत्रों में रह रहे लोगों को अपने अधिकार के लिए प्रदर्शन करने का अधिकार है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए फिर चाहे सैन्य बलों की मदद क्यों न लेना पड़े। वह अमेरिका स्थित बेकर इंस्टीट्यूट के प्रोग्राम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।
उन्होंने भाषण में आगे कहा, "मैं फिलिस्तीन में सैन्य विक्लप का समर्थन नहीं करता। मैं दूसरे ऑप्शन को पसंद करता हूं, जिसमें शांतिपूर्ण तरीके से विरोध और सविनय आंदोलन आते हैं। भारत ने इसी के रास्ते चलकर ब्रिटिश साम्राज्य और पूर्वी यूरोप में सोवियत साम्राज्य ध्वस्त हुआ था।"
पूर्व चीफ प्रिंस तुर्की-अल-फैजल ने कहा कि युद्ध की शुरुआत हमास ने 7 अक्टूबर से की। हमले से हुए नुकसान को लेकर हमास पर निशाना साधते हुए फैसल ने कहा, "मैं स्पष्ट रूप से हमास द्वारा किसी भी उम्र या लिंग के नागरिकों को निशाना बनाने पर निंदा करता हूं, जैसा कि उस पर आरोप लगाया गया है। इस तरह का मकसद हमास के इस्लामी पहचान के दावों को झुठलाता है।"
वहीं, संयुक्त राष्ट्र के अनुमान की मानें तो इजराइल के शहरों पर हमास के आश्चर्यजनक हमलों और क्रूर जवाबी कार्रवाई में अब तक 5,800 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।