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'किस्मत वाला हूं जो बच गया', सलमान रश्दी ने पिछले साल हुए जानलेवा हमले के बाद पहली बार दिया साक्षात्कार

By शिवेंद्र राय | Updated: February 7, 2023 17:10 IST

भारतीय मूल के उपन्यासकार सलमान रश्दी ने पिछले साल अमेरिका के न्यूयॉर्क में अपने उपर हुए जानलेवा हमले के बाद पहली बार साक्षात्कार दिया। उन्होंने कहा कि यह बड़ा हमला था और वह किस्मत वाले हैं जो बच गए।

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ठळक मुद्देसलमान रश्दी पर पिछले साल हुआ था जानलेवा हमलाहमले में रश्दी ने एक आंख की रोशनी गवां दी थीभारतीय मूल के उपन्यासकार हैं सलमान रश्दी

नई दिल्ली: बुकर पुरस्कार विजेता लेखक सलमान रश्दी ने पिछले साल अमेरिका के न्यूयॉर्क में अपने उपर हुए जानलेवा हमले के बाद पहली बार साक्षात्कार दिया। द न्यूयार्कर मैगजीन को दिए साक्षात्कार में सलमान रश्दी ने कहा कि वह किस्मत वाले हैं जो इस हमले में बच गए।

जानलेवा हमले में अपनी अपनी एक आंख की रोशनी गंवाने वाले सलमान रश्दी ने कहा, "मैं किस्मत वाला हूं। मैं उठने और चलने में  सक्षम हूं। लेकिन जब मैं कहता हूं कि मैं ठीक हूं तो मेरा मतलब है कि मेरे शरीर के कुछ हिस्से हैं जिन्हें लगातार जांच की जरूरत है। यह एक बड़ा हमला था।" सलमान रश्दी ने आगे कहा,  "मुश्किल समय में मेरा और परिवार का समर्थन करने वालों का आभार,जिनमें बेटे जफर और मिलन भी शामिल हैं।" 

साक्षात्कार के दौरान सलमान रश्दी  से पूछा गया कि ईरान के पूर्व सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी द्वारा जारी किए गए उनकी हत्या के फतवे के बाद भी न्यूयॉर्क में अपने सुरक्षा  गार्ड को कम करना क्या गलती थी? इसके जवाब में रश्दी ने कहा, "ठीक है, मैं खुद से वह सवाल पूछ रहा हूं। मुझे इसका जवाब नहीं पता। मेरे पास जीवन के 20 से अधिक वर्ष थे। क्या यह गलती है?”

बता दें कि अगस्त  2022 में सलमान रश्दी पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में तब हमला हुआ था जब वह  एक कार्यक्रम में बोलने जा रहे थे। रश्दी पर एक 24 वर्षीय युवक ने हमला किया था जिसका नाम हादी मतार था। न्यूयॉर्क पुलिस ने हमलावर हादी मतार को घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लिया था। 

भारतीय मूल के उपन्यासकार सलमान रश्दी ने साल 1988 में  'द सैटेनिक वर्सेज'नाम की किताब लिखी थी। इस किताब पर ईशनिंदा के आरोप लगे और मुस्लिम देशों में बड़े पैमाने पर विरोध हुआ। 'द सैटेनिक वर्सेज' प्रकाशन के एक साल बाद ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी किया था। जान से मारे जाने की धमकियों के कारण सलमान रश्दी को 9 साल तक छिप कर रहना पड़ा था। 

टॅग्स :Salman Rushdieब्रिटेनआतंकवादीterrorist
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