श्रीलंका: साजिथ प्रेमदासा ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से नाम वापस लिया, दुल्लास अल्लाहापेरुमा का समर्थन करेंगे
By शिवेंद्र राय | Published: July 19, 2022 01:17 PM2022-07-19T13:17:08+5:302022-07-19T13:19:45+5:30
श्रीलंका में जारी राजनीतिक संकट के बीच भारत सरकार की तरफ से भी सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। तमिलनाडु के राजनीतिक दल श्रीलंका संकट और राज्य में शरणार्थियों के आने से चिंतित हैं। सरकार इस मामले पर उनकी चिंता दूर करना चाहती है।
कोलंबो: श्रीलंका में जारी राजनीतिक संकट के बीच आगामी 20 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा राष्ट्रपति बनने की दौड़ से बाहर हो गए हैं। साजिथ प्रेमदासा ये फैसला अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए किया है। उम्मीदवारी से नाम वापस लेने की घोषणा करते हुए प्रेमदासा ने ट्वीट किया और कहा, ‘अपने देश की अधिक भलाई के लिए जिसे मैं प्यार करता हूं और जिन लोगों को मैं प्यार करता हूं, मैं राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस लेता हूं।’ प्रेमदासा ने कहा कि वह चुनाव में सांसद दुल्लास अल्लाहापेरुमा का समर्थन करेंगे।
For the greater good of my country that I love and the people I cherish I hereby withdraw my candidacy for the position of President. @sjbsrilanka and our alliance and our opposition partners will work hard towards making @DullasOfficial victorious.
— Sajith Premadasa (@sajithpremadasa) July 19, 2022
श्रीलंका में फिलहाल कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के हाथ में देश की कमान है। गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने और इस्तीफे के बाद प्रदर्शनकारियों के तेवर में भी कमी आई है। साजिथ प्रेमदासा के प्रेमदासा के नाम वापस लेने के बाद अब मुख्य रूप से तीन उम्मीदवार बचे हैं जो श्रीलंका का अगला राष्ट्रपति बनने की रेस में हैं। इसमें रानिल विक्रमसिंघे के अलावा श्रीलंका के मार्क्सवादी जेवीपी नेता अनुरा कुमार दिसानायके और दुल्लास अल्लाहापेरुमा शामिल हैं।
श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में पोदुजाना पेरानुमा पार्टी का वर्चस्व है। गोटबाया राजपक्षे और रानिल विक्रमसिंघे इसी पार्टी के नेता हैं। राजपक्षे के देश छोड़कर भागने के बाद पार्टी ने रानिल विक्रमसिंघे का नाम ही आधिकारिक रूप से आगे बढ़ाया है। इस फैसले से पोदुजाना पेरानुमा पार्टी में आंतरिक मतभेद भी उभरे हैं।
श्रीलंका संकट पर भारत सरकार ने बुलाई है सर्वदलीय बैठक
इस बीच श्रीलंका में जारी राजनीतिक संकट पर भारत सरकार भी अपनी नजर बनाए हुए है। सरकार ने इस मामले पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया है कि मंगलवार को हम श्रीलंकाई संकट पर संक्षिप्त जानकारी के लिए एक और सर्वदलीय बैठक बुला रहे हैं। हमने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस पर ब्रीफिंग करने का अनुरोध किया है।