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रूस ने अमेरिका पर हमला करते हुए कहा, 'परमाणु संपन्न देशों के बीच हो सकता है सीधा सैन्य संघर्ष'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 16, 2022 21:59 IST

रूस ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि यूक्रेन संकट में यूएस का हर कदम सीधे तौर पर रूस के साथ टकराव की स्थिति में आगे बढ़ रहा है। इससे जाहिर होता है कि यूएस की मंशा परमाणु शक्तियों के बीच प्रत्यक्ष सैन्य संघर्ष की है।

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ठळक मुद्देरूस ने कहा अमेरिकी हितों के कारण परमाणु संपन्न देशों में सीधा सैन्य टकराव हो सकता है यूक्रेन संकट में यूएस का हर कदम रूस के साथ सीधे टकराव का इशारा कर रहा हैरूस परमाणु संपन्न राष्ट्र होने के नाते अपने दायित्वों का पूरी ईमानदारी से पालन कर रहा है

वाशिंगटन:यूक्रेन के साथ लंबे युद्ध में उलझे हुए रूस ने अमेरिका को परोक्ष रूप से धमकी देते हुए कहा कि वैश्विक पटल पर वाशिंगटन का व्यवहार परमाणु राज्यों के बीच सीधे संघर्ष के पैदा करने का प्रयास है। रूसी दूतावास ने अपने टेलीग्राम चैनल पर इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा, “आज संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अन्य देशों की सुरक्षा और हितों के कारण परमाणु युद्ध के जोखिम में वृद्धि हो रही है।"

रूसी बयान में कहा गया है, “यूक्रेन संकट को देखें तो रूस के साथ टकराव की स्थिति में आगे बढ़ रहे यूएस का हर कदम परमाणु शक्तियों के प्रत्यक्ष सैन्य संघर्ष की ओर इशारा कर रहा है।”

इसके साथ ही रूसी दूतावास ने यह भी कहा कि वाशिंगटन द्वारा हाल में दो प्रमुख हथियार नियंत्रण समझौते से बाहर होने के कारण युद्ध टकराव की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है।

इनमें से एक 1987 इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस समझौता है, जिसमें भूमि-आधारित मिसाइलों के कुछ वर्गों पर प्रतिबंध लगा हुआ था। वहीं 1992 का समझौता है, जिसके अनुसार खुली आसमान में एक-दूसरे के क्षेत्रों में निगरानी उड़ानों की अनुमति देना शामिल था।

इसके अलावा रूसी दूतावास ने अमेरिका से उन देशों के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के बजाय अपनी परमाणु नीति पर करीब से नज़र डालने का आग्रह किया, जिनकी सोच अमेरिकी नीति से मेल नहीं खाती है। रूसी राजनयिक ने कहा, “हमारा देश एक परमाणु संपन्न राष्ट्र के रूप में अपने दायित्वों को ईमानदारी से पूरा कर रहा है और परमाणु जोखिम को कम करने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”

मालूम हो कि रूस का यह बयान अमेरिका द्वारा मास्को पर दक्षिणी यूक्रेन में ज़ापोरोज़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र को अपने सैनिकों के लिए कवर के रूप में इस्तेमाल करने के आरोप लगाने के बाद आया है। यूरोप में सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र ज़ापोरोज़े को मास्को ने अपने सैन्य अभियान के शुरुआती चरण में ही कब्जे में लिया था। 

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