लाइव न्यूज़ :

अमेरिका के विभागों एवं निगमों में हैकिंग के लिए संभवत: रूस जिम्मेदार : जांच एजेंसियां

By भाषा | Updated: January 6, 2021 17:59 IST

Open in App

वाशिंगटन, छह जनवरी अमेरिका की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त बयान जारी कर पुष्टि की है कि अमेरिका सरकार के विभागों एवं निगमों में हैकिंग के लिए संभवत: रूस जिम्मेदार है।

उन्होंने इसके साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे को खारिज कर दिया है जिनमें उन्होंने कहा था कि इसके पीछे चीन हो सकता है।

विभिन्न एजेंसियों में साइबर सेंधमारी की जिम्मेदारी तय करने एवं इसके पीछे के संभावित मकसद का पता लगाने के लिए यह बयान अमेरिका सरकार की पहली औपचारिक कोशिश प्रतीत होता है।

बयान में कहा गया है कि साक्ष्य अमेरिका सरकार के संचालनों को नुकसान पहुंचाने या बाधित करने के बजाय रूस द्वारा खुफियागीरी के प्रयासों की तरफ इशारा करते हैं।

एफबीआई तथा अन्य जांच एजेंसियों पर आधारित साइबर कार्यसमूह की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘यह एक गंभीर मामला है जिसे सुधारने लिए निरंतर और समर्पित प्रयास की आवश्यकता होगी।’’

हैकिंग का यह मामला देश में अब तक की सबसे खराब साइबर जासूसी का मामला है जहां हैकर्स पिछले सात महीने से सरकारी एजेंसियों, रक्षा ठेकेदारों और दूर संचार कंपनियों के क्रिया-कलापों पर निगाह रख रहे थे।

विशेषज्ञों ने कहा कि विदेशी जासूसों को डेटा एकत्र करने के लिए बहुत समय मिला जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत नुकसान पहुंचाने वाले हैं। बहरहाल, यह पता नहीं चल पाया है कि घुसपैठ किस हद तक हुई और और किस तरह की सूचना प्राप्त करने की कोशिश की गई।

अमेरिका में इस पैमाने पर यह असाधारण हैकिंग थी और साल के शुरुआत में टेक्सास के ऑस्टिन स्थति कंपनी सोलरविंड के लोकप्रिय नेटवर्क प्रबंधन सॉफ्टवेयर के साथ आए संदिग्ध कोड से 18 हजार संगठन संक्रमित हुए।

बयान में कहा गया, ‘‘इन 18 हजार ग्राहकों में बहुत कम वास्तव में प्रभावित हुए जिनमें से 10 संघीय सरकार की एजेंसियां भी थी। इनमें राजकोष एवं वाणिज्य विभाग भी शामिल थे।’’

डेमोक्रेटिक पार्टी के ओरेगोन राज्य से सीनेटर रॉन वाइडेन ने बताया कि पिछले महीने की सीनेट की वित्त समिति को जानकारी देने के बाद राजकोष विभाग के दर्जनों ई-मेल अकांउट में सेंधमारी की गई और हैकरों ने सुरक्षा प्रणाली को तोड़ कर विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल होने वाले दस्तावेजों तक पहुंच बनाई।

साइबर सुरक्षा कंपनी फायरआई के वरिष्ठ कार्यकारी चार्ल्स कारमैकल ने पिछले महीने कहा था कि अभूतपूर्व तरीके से महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निशाना बनाया गया औ इसे कुलीन एवं सरकार समर्थित हैकरों ने अंजाम दिया।

हालांकि न तो उन्होंने और न ही माइक्रोसॉफ्ट ने शिकार हुए संस्थानों की जानकारी दी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIPL Auction: सबसे महंगे अनकैप्‍ड प्‍लेयर Prashant Veer, 14.20 करोड़ में चेन्‍नई सुपर किंग्‍स ने खरीदा

भारतछत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प: 34 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण पर बोले सीएम साय

क्रिकेट14.20 करोड़ की बोली: कार्तिक शर्मा बने स्टार

विश्व7 सिस्टर्स को भारत से अलग कर देंगे: बांग्लादेश नेता की गीदड़ भभकी, असम के सीएम ने भी दिया करारा जवाब, VIDEO

क्रिकेटIPL 2026 Auction: कौन हैं औकिब नबी डार ? जम्मू और कश्मीर के ऑलराउंडर जिन्हें दिल्ली कैपिटल्स ने ₹8.40 करोड़ में खरीदा

विश्व अधिक खबरें

विश्वखुद ड्राइव कर प्रधानमंत्री मोदी को जॉर्डन संग्रहालय ले गए प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय, वीडियो

विश्वMexico: प्राइवेट प्लेन दुर्घटनाग्रस्त, 7 लोगों की मौत; लैंडिंग की कोशिश के समय हादसा

विश्वऑस्ट्रेलियाई सरकार ने चेतावनियों की अनदेखी की !

विश्वChile New President: 35 वर्षों के बाद दक्षिणपंथी सरकार?, जोस एंतोनियो कास्ट ने कम्युनिस्ट उम्मीदवार जेनेट जारा को हराया

विश्वसिडनी बॉन्डी बीच हनुक्का उत्सवः पिता-पुत्र ने 15 लोगों की ली जान, मृतकों की उम्र 10 से 87 वर्ष के बीच, 50 वर्षीय हमलावर पिता ढेर और 24 वर्षीय बेटा घायल