कीव:रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। ऐसे में जहां एक ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की लगातार कह रहे हैं कि वो पीछे हटने वालों में से नहीं हैं तो वहीं रूस का कहना है कि अगर यूक्रेन उसकी बात मान लेता है तो वो तुरंत इस जंग को रोक देगा। इस बीच यूक्रेन की जनता को जान-माल का काफी नुकसान हो रहा है।
ऐसे में सेव द चिल्ड्रन के अनुसार, अनुमानित 800,000 बच्चे उन 20 लाख लोगों में शामिल हैं जो रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन से भाग गए हैं। एजेंसी ने ये भी बताया कि इनमें से कई बच्चे अपने दम पर यात्रा कर रहे हैं और अकेले ही यूक्रेन को छोड़कर जा रहे हैं। यही नहीं, सेव द चिल्ड्रन से इरीना सघोयान ने बीबीसी को बताया कि माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए सबसे हताश, हृदय विदारक उपायों का सहारा ले रहे हैं। इसमें अपने बच्चों को पड़ोसियों और दोस्तों के साथ यूक्रेन के बाहर सुरक्षा की तलाश करने के लिए भेजना शामिल है, जबकि वे अपने घरों की सुरक्षा के लिए घर में रहते हैं।
वहीं, बीबीसी ने संयुक्त राष्ट्र के हवाले से बताया कि रूस के आक्रमण के कारण अब तक 20 लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़कर भाग चुके हैं। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे तेजी से बढ़ता शरणार्थी संकट बताया है। रिपोर्ट में बताया गया कि शरणार्थी पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी और मोल्दोवा जैसे पड़ोसी देशों का रुख कर रहे हैं, जबकि बहुत कम संख्या में शरणार्थी रूस और बेलारूस गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अब तक पोलैंड ने 1,204,403, जबकि हंगरी ने 191,348, स्लोवाकिया ने 140,745, मोल्दोवा ने 82,762, रोमानिया ने 82,062, रूस ने 99,300 और बेलारूस ने 453 शरणार्थियों को लिया है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यूरोप में इन देशों से 210,239 से अधिक लोग दूसरे देशों में चले गए हैं।