कैलिफोर्निया: प्रसिद्ध मार्क्सवादी विचारक और साहित्यकार 81 वर्षीय एजाज अहमद का आज अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित उनके घर पर निधन हो गया। अहमद का बीमारी का इलाज चल रहा था और वह कुछ दिन पहले अस्पताल से वापस लौटे थे।
'इन थियरी: क्लासेज, नेशन्स, लिटरेचर', 'इराक, अफगानिस्तान एंड दि इम्पीरियलिज्म ऑफ ऑर टाइम' और 'इन ऑर टाइम: एम्पायर, पोलिटिक्स, कल्चर' उनकी चर्चित पुस्तकें हैं।
वह अमेरिका और कनाडा के विभिन्न विश्वविद्यालयों में विजिटिंग प्रोफेसर थे। वह 2017 से कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में काम कर रहे थे। एजाज अहमद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्विवद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एवं लाइब्रेरी में फेलो भी रहे। अहमद समाचार पत्रिका फ्रंटलाइन में संपादकीय सलाहकार के रूप में जुड़े रहे थे।
एजाज अहमद का मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) से लम्बे समय तक जुड़ाव रहा थ। माकपा ने उनकी निधन पर शोक व्यक्त किया है। माकपा ने ट्वीट कर कहा कि वह एक बहुत सम्मानित मार्क्सवादी विचारक थे और मार्क्सवाद की रक्षा में उनका लेखन पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। वीजा प्रतिबंधों और अपनी बीमारी के कारण उन्हें भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और उनकी मृत्यु तक उनकी इच्छा घर (भारत) वापस आने की थी। यह एक त्रासदी है कि ऐसा नहीं हो सका।