रोम, 30 अप्रैल (एपी) पोप फ्रांसिस ने वैटिकन आधारित कार्डिनल और बड़े पादरियों (बिशप) को एक और संदेश भेजकर किसी भी आपराधिक कदाचार के लिए उन्हें जवाबदेह ठहराने का अपना इरादा व्यक्त किया है। इसके जरिए उन्होंने उन प्रक्रियागत बाधाओं को हटा दिया है जो इस तरह के लोगों को वैटिकन के आपराधिक न्यायाधिकरण के मुकदमे की जद में आने से छूट देती थीं।
शुक्रवार को प्रसारित नया कानून स्पष्ट करता है कि होली सी कार्डिनल और बिशप वैटिकन शहर आधारित राज्य अभियाजकों के न्यायधिकार में आते हैं और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सिर्फ पोप की अनुमति की आवश्यकता है।
इस कानून ने पिछले साल तक कायम रखे गए उस नियम को खत्म कर दिया है जो कहता था कि केवल न्यायाधिकरण की सर्वोच्च अपील अदालत ही आपराधिक कदाचार के आरोपी कार्डिनल और बिशप के खिलाफ कार्रवाई का आकलन कर सकती है।
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