पाकिस्तानी पत्रकार ने अनुच्छेद 370 पर पीएम इमरान खान के भाषण की उड़ाई धज्जियां

By रामदीप मिश्रा | Updated: August 7, 2019 19:04 IST2019-08-07T19:04:54+5:302019-08-07T19:04:54+5:30

पाकिस्तान की संसद में प्रधानमंत्री इमरान खान ने पारंपरिक युद्ध की स्थिति होने तक की आशंका जाहिर कर दी। इसके बाद पाकिस्तानी एक पत्रकार ने उनके ऊपर करारा प्रहार किया। साथ ही साथ उनके भाषण की धज्जियां उड़ा दीं।

Pakistani journalist attacks on PM Imran Khan's speech on Article 370 | पाकिस्तानी पत्रकार ने अनुच्छेद 370 पर पीएम इमरान खान के भाषण की उड़ाई धज्जियां

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Highlightsजम्म-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 को समाप्त करने संबंधी भारत सरकार के फैसले के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद का एक संयुक्त सत्र बुलाया। इस दौरान पाकिस्तान में अनुच्छेद 370 को लेकर खासी बेचैनी देखी गई है।

जम्म-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 को समाप्त करने संबंधी भारत सरकार के फैसले के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद का एक संयुक्त सत्र बुलाया। इस दौरान पाकिस्तान में अनुच्छेद 370 को लेकर खासी बेचैनी देखी गई है। पाकिस्तान की संसद में प्रधानमंत्री इमरान खान ने पारंपरिक युद्ध की स्थिति होने तक की आशंका जाहिर कर दी। इसके बाद पाकिस्तानी एक पत्रकार ने उनके ऊपर करारा प्रहार किया। साथ ही साथ उनके भाषण की धज्जियां उड़ा दीं।

सबसे पहले आपको बताते हैं कि पाकिस्तान पीएम ने बीते दिन मंगलवार को संसद में बुलाए गए विशेष सत्र के अपने भाषण में कहा, 'अगर पारंपरिक युद्ध होता है तो फिर क्या होगा, इसके दो नतीजे हो सकते हैं। युद्ध हमारे खिलाफ भी जा सकता है और हमारे लिए भी जा सकता है। अगर वार हमारे खिलाफ जाती है तो फिर हम क्या करेंगे, फिर हमारे पास दो रास्ते हो जाएंगे...एक बहादुर शाह जफर और एक टीपू सुल्तान। एक रास्ता वह कि हाथ खड़े कर हम हार मान जाएं और दूसरा रास्ता टीपू सुल्तान का जो आखिरी खून के कतरे तक हम मुकाबला करेंगे।' आगे इमरान खान ने कहा, 'मैं अपनी कौम (मुस्लमानों) को जानता हूं। इमान वाला इंसान मौत से डरता नहीं है।' 

उनके इस बयान के बाद पाकिस्तानी पत्रकार ताहिर गोरा ने इमरान खान को आड़े हाथ लेते हुए कहा, 'तो अब मुस्लमानों की बात आ गई। 21वीं सदी में बैठकर इमरान खान विभाजन के 71 साल बाद और ऑक्सफोर्ड व क्रिकेट खेलने के बावजूद वही जिहादी बातें कर रहे हैं, जिसका कोई फायदा नहीं है। यह जो जिहादी बातें या फिर सॉफ्ट तरीके से झुंझलाहट महबूबा मुफ्ती की भी बातों में सुन सकते हैं। वो हम हिन्दुस्तान के कुछ और मुस्लिम नेताओं से सुन सकते हैं। मगर, हिन्दुस्तान के मुस्लिम लीडरशिप की असलियत इन जिहादी बातों के साथ नहीं है। मगर, कुछ इस तरह की बात करते हैं। ये साम्प्रदायिक कार्ड इस्माल के नाम पर अलग से समुदाय बनाने का जो सिलसिला है ये हमें कहीं पर भी दुनिया के समाज में समाहित नहीं करता हैं। ये हमारी बदकिश्मती है।'

आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद मंगलवार को भारत के खिलाफ एक प्रस्ताव की भाषा को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच मतभेद के बाद पाकिस्तान संसद की संयुक्त बैठक स्थगित कर दी गयी। कार्यवाही शुरू होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री आजम खान स्वाति ने प्रस्ताव पेश कर भारत द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) के 'उल्लंघन' की आलोचना की, लेकिन भारतीय संविधान से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने का उल्लेख नहीं किया। विपक्षी सांसदों ने इस चूक पर विरोध किया और कार्यवाही का बहिष्कार करने की धमकी दी, जिसके बाद नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने संशोधित प्रस्ताव के बाद तुरंत बैठक बुलाने के वादे के साथ कार्यवाही स्थगित कर दी। 

Web Title: Pakistani journalist attacks on PM Imran Khan's speech on Article 370

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