टॉक शो के दौरान अपनी राय रख रहे पाकिस्तानी चैनल, हाईकोर्ट ने नियामक को कार्रवाई करने से रोका
By भाषा | Published: October 30, 2019 06:38 PM2019-10-30T18:38:38+5:302019-10-30T18:38:38+5:30
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए याचिका को स्वीकार कर लिया और प्राधिकरण तथा सूचना मंत्रालय समेत सभी प्रतिवादियों को लिखित में अपने जवाब सौंपने के आदेश दिये।
लाहौर उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक को अगले आदेशों तक उन करीब 11 टीवी प्रस्तोता के खिलाफ किसी तरह की प्रतिकूल कार्रवाई करने से बुधवार को रोक दिया जिन्होंने एक निर्देश को चुनौती दी है। एक मीडिया खबर में यह जानकारी दी गई है।
टीवी प्रस्तोताओं ने उस निर्देश को चुनौती दी है जिसमें ‘टॉक शो’ के दौरान उनके अपनी राय रखने पर रोक लगा दी गई है। डॉन की खबर के अनुसार 11 प्रस्तोताओं ने पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण की अधिसूचना के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि ऐसा निर्देश देकर देश के संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन किया गया है जो प्रत्येक पाकिस्तानी नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से प्राधिकरण की उस अधिसूचना पर मामले में अंतिम फैसला आने तक रोक लगाने का आग्रह किया है।
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान प्राधिकरण के वकील ने कहा कि नियामक संस्था पहले ही इस मामले पर अपना स्पष्टीकरण जारी कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई लाहौर उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती है और इसे केवल इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा ही सुना जा सकता है।
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए याचिका को स्वीकार कर लिया और प्राधिकरण तथा सूचना मंत्रालय समेत सभी प्रतिवादियों को लिखित में अपने जवाब सौंपने के आदेश दिये।
सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। मीडिया के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों ने भी अधिसूचना जारी करने के लिए प्राधिकरण की निंदा की थी।