Terrorists killed six people in Pakistan: पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा में अज्ञात आतंकवादियों ने पंजाब सूबे के छह लोगों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी। मरने वाले सभी लोग नाई की दूकान चलाते थे । पुलिस ने इसकी जानकारी दी। एआरवाई न्यूज ने मंगलवार को दी खबर में कहा है कि घटना अफगानिस्तान से लगते खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली इलाके में हुई।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित मूल रूप से पंजाब सूबे के निवासी हैं और स्थानीय बाजार में नाई की दुकान चलाते थे। पुलिस ने बताया कि उनका अपहरण कर लिया गया था और शव मंगलवार को मिला। हालांकि, तत्काल इन हत्याओं की कोई जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस ने छह नाई की हत्या के दोषियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है। पुलिस ने बताया कि इससे पहले उत्तरी वजीरिस्तान में ही पांच मजदूरों की अज्ञात आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। घटना को तब अंजाम दिया गया था जब वे अपने तंबू में रह रहे थे।
बता दें कि हाल के दिनों में पाकिस्तान में आतंकी हमलों की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है। इनमें से सबसे ज्यादा घटनाएं अशांत खैबर पख्तूनख्वा इलाके में ही हुई हैं। जिस पाकिस्तान ने आतंक को पाला-पोसा, आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना, अब वही इसकी आग में झुलस रहा है। पाकिस्तान में 2023 के दौरान आतंकवाद के कारण मौतों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें हिंसा से संबंधित कुल मौतें छह साल के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। इस दौरान सबसे अधिक प्रभावित प्रांतों में खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान शामिल रहे।
इस्लामाबाद स्थित ‘सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्ट्डीज’ (सीआरएसएस) द्वारा तैयार की गई वार्षिक सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में पाकिस्तान में 789 आतंकी हमलों और आतंकवाद-रोधी अभियानों में कम से कम 1,524 लोगों की मौत हुई जबकि 1,463 लोग घायल हुए। इसके अनुसार, मारे गए लोगों में लगभग 1,000 नागरिक और सुरक्षा बल के जवान शामिल थे।
रिपोर्ट में कहा गया कि आतंकवाद के कारण मौत के मामले में यह छह साल का उच्चतम स्तर है, जो 2018 के स्तर से अधिक और 2017 के बाद से सबसे अधिक है। सीआरएसएस ने कहा कि 2021 के बाद से देश में हर साल हिंसा और आतंकी हमलों में वृद्धि हुई है। इसने खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों को हिंसा के मुख्य केंद्रों के रूप में चिह्नित किया। इस अवधि के दौरान दर्ज की गई सभी मौतों में से 90 प्रतिशत इन प्रांतों में हुईं।