पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में इसी हफ्ते बुधवार को एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ और अगजनी को लेकर वहां के सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। पाक सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को सुनवाई की और जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने मंदिर में हुए नुकसान को ठीक कराने के भी आदेश दिए।
इस पूरे मामले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का भी बयान गुरुवार को सामने आया था। उन्होंने क्षतिग्रस्त मंदिर का जीर्णोद्धार करने और सभी दोषियों को गिरफ्तार करने का वादा किया था। पाकिस्तान की ये घटना रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में हुई, जहां भीड़ ने हिंदू मंदिर पर हमला किया। यह स्थान लाहौर से करीब 590 किलोमीटर दूर है।
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने दिखाए सख्त तेवर
घटना के बाद पाकिस्तान के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने पाक पंजाब के मुख्य सचिव, इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजीपी) को भी तलब किया था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि जब मंदिर पर हमला हुआ तो पुलिस और प्रशासन क्या कर रहा था।
इस पर आईजीपी की ओर से जवाब दिया गया कि पुलिस की प्राथमिकता तब मंदिर के चारों ओर रह रहे करीब 70 हिंदू परिवारों की सुरक्षा थी। साथ ही आईजीपी ने बताया कि इस मामले में एफआईआर में आतंकवाद से जुड़ी धारा भी जोड़ी गई है।
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि सख्त अंदाज में कहा कि अगर कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर सही एक्शन नहीं ले पाते हैं तो उन्हें हटा देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटना से पूरी दुनिया में पाकिस्तान की इज्जत को धब्बा लगा है।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस बस खड़े होकर तमाश देख रही थी। कोर्ट ने पूछा कि इस घटना के तीन दिन हो जाने के बावजूद अभी तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि एक भी शख्स की मामले में गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस की लापरवाही को दिखाता है।