पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (26 अप्रैल) को पाक विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ की संसद सदस्यता रद्द कर दी है। पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आसिफ साल 2013 में चुनाव लड़ने के ही पात्र नहीं थे। सुप्रीम कोर्ट ने आसिफ को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का वर्क परमिट (इक़मा) रखने का दोषी पाया है। पीठ में जस्टिस अतहर मिनाल्लाह, जस्टिस अामीर फारूक़ और जस्टिस मोहसिन अख्तर कयानी शामिल थे। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) को हाल में लगा ये दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर आजीवन चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था। नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही पीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। नवाज शरीफ का नाम पनामा पेपर्स से जुड़े घोटाले में आया था।
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने ख्वाजा आसिफ को पाकिस्तानी संविधान की आर्टिकल 62 और 63 के तहत दोषी पाया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की एक प्रति पाकिस्तान के चुनाव आयोग और नेशनल एसेंबली के सभापति को भेजने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तानी नेशनल एसेंबली के अध्यक्ष को आदेश दिया है कि वो आसिफ की सदस्यता रद्द करे। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता उस्मान डार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पाक सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को मामले पर सुनवाई पूरी कर ली थी।
उस्मान डार ने साल 2013 में ख्वाजा आसिफ के खिलाफ एनए-110 संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। उस्मान डार ने सर्वोच्च अदालत से कहा था कि ख्वाजा आसिफ ने अपने चुनावी हलफनामा में इक़मा रखने की बात नहीं बतायी थी।