पाकिस्तान: सुप्रीम कोर्ट ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का कुछ शर्तों के बढ़ाया कार्यकाल, 6 माह की सेवा का हुआ विस्तार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 28, 2019 04:37 PM2019-11-28T16:37:29+5:302019-11-28T16:49:50+5:30
प्रधानमंत्री इमरान खान ने 19 अगस्त को एक आधिकारिक अधिसूचना के जरिये जनरल बाजवा को तीन साल का कार्यकाल विस्तार दिया था। इसके पीछे उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल का हवाला दिया था।
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बजवा का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। इन छह महीनों के दौरान पाकिस्तान की संसद को सेना प्रमुख की सेवा विस्तार/पुनर्नियुक्ति से जुड़ा कानून बनाना होगा। बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने 19 अगस्त को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर के जनरल बाजवा को तीन साल का कार्यकाल विस्तार दिया था। लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने का विस्तार दिया है।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने 19 अगस्त को एक आधिकारिक अधिसूचना के जरिये जनरल बाजवा को तीन साल का कार्यकाल विस्तार दिया था। इसके पीछे उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल का हवाला दिया था। बाजवा का मूल कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त होने वाला था लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने का विस्तार दिया है।
पाक सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने मंगलवार को कहा था- ''अब भी वक्त है। सरकार को अपने कदम वापस लेने चाहिए और यह सोचना चाहिए कि वह क्या कर रही है। वह एक उच्च पदस्थ अधिकारी के साथ कुछ इस तरह की चीज नहीं कर सकती। न्यायालय ने अटार्नी जनरल (एजी) अनवर मंसूर खान से कहा, ''आपने सेना प्रमुख को एक शटलकॉक में तब्दील कर दिया है।"
Supreme Court of Pakistan has conditionally approved the extension of Army Chief Qamar Javed Bajwa's (in file pic) tenure for 6 months. pic.twitter.com/xnN77KLHQN
— ANI (@ANI) November 28, 2019
एजी सरकार की ओर से दलील पेश कर रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को भेजा गया नया पत्र सेना प्रमुख की पुनर्नियुक्ति के लिये एक अनुरोध है। लेकिन राष्ट्रपति ने उनके कार्यकाल में विस्तार की अधिसूचना जारी की। न्यायालय ने कहा, ''सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह उन्हें (बाजवा को) फिर से नियुक्त करना चाहती है या नहीं।"
वहीं, खान ने इस गफलत की वजह कानून मंत्रालय द्वारा की गई लिपिकीय त्रुटि को जिम्मेदार ठहराया। प्रधान न्यायाधीश ने पूछा, ''आपने ऐसी त्रुटि कैसे की।" प्रधानमंत्री खान ने इस जटिल स्थिति से निकलने के लिये कैबिनेट की एक आपात बैठक की। जनरल बाजवा खुद चर्चा में शामिल हुए।
न्यायालय ने एक अप्रत्याशित कदम के तहत कानूनी खामियों का हवाला देते हुए सरकार के आदेश को निलंबित कर दिया था। बाजवा के कार्यकाल विस्तार के खिलाफ याचिका रियाज राही नाम के एक व्यक्ति ने दायर की है। शीर्ष न्यायालय के मंगलवार के आदेश के बाद कैबिनेट ने सेना नियम एवं नियमन की धारा 255 में संशोधन किया और नियम में कानूनी खामी को दूर करने के लिये ‘‘कार्यकाल में विस्तार’’ शब्द शामिल किया।
जियो न्यूज ने बताया कि खबरों के मुताबिक कैबिनेट ने दो बैठकों में कार्यकाल विस्तार का एक नया प्रारूप तैयार किया और इसे राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के पास मंजूरी के लिये भेजा। खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने नयी अधिसूचना को मंजूरी दे दी है।
पाक सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई की। पीठ में प्रधान न्यायाधीश खोसा, न्यायमूर्ति मियां अजहर आलम खान मियांखेल और न्यायमूर्ति सैयद मंसूर अली शाह शामिल हैं। बाजवा की पैरवी फारूग नसीम कर रहे हैं जिन्होंने इसके लिये कल कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
खबर में प्रधान न्यायाधीश के हवाले से कहा गया है, ‘‘सेना प्रमुख के कार्यकाल का विषय बहुत अहम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अतीत में, पांच या छह जनरलों ने खुद ही अपने कार्यकाल में विस्तार कर लिया। हम मामले पर करीब रूप से गौर करेंगे ताकि भविष्य में यह नहीं हो। यह अत्यधिक अहम विषय है और संविधान इस बारे में खामोश है।’’ गौरतलब है कि पाकिस्तान सेना ने देश के 70 साल से अधिक के इतिहास में इसकी आधी से भी अधिक अवधि तक शासन की बागडोर संभाली है।