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पाकिस्तान: शरीफ सरकार के मंत्री ने आवाम से कहा, 'चाय कम करो', लेकिन क्यों, जानिए यहां

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 14, 2022 19:34 IST

पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार के मंत्री एहसान इकबाल ने मुल्क की आवाम से अपील की है कि वो इकॉनमी को बचाने के लिए चाय की प्याली को कम करें।

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ठळक मुद्देपाकिस्तान के मंत्री ने इकॉनमी को बचाने के लिए जनता से चाय की प्याली को कम करने के लिए कहादेश को आर्थिक संकट से उबारने के लिए शरीफ सरकार चीन और सऊदी अरब से कर्ज मांग रही हैशरीफ सरकार देश को मंदी से उबारने के लिए अंतररष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज मांग रही है

इस्लामाबाद:पाकिस्तान के मंत्री ने आवाम से गुजारिश की है कि वो रोजमर्रा की चाय में कटौती में करें। शहबाज शरीफ सरकार के मंत्री एहसान इकबाल ने कहा, "मुल्क के माली हालात बेहद संजीदा हैं, इसलिए मैं आवाम से दरख्वास्त करता हूं कि इकॉनमी को बचाने के लिए चाय की प्याली को कम करें।"

पाकिस्तान में तेजी से घट रही विदेशी मुद्रा भंडार की समस्या से परेशान शहबाज सरकार चीन और सऊदी अरब जैसे मुल्कों के सामने कर्ज के लिए झोली फैलाने की तैयारी में है। वहीं शरीफ सरकार को उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष भी इस्लामाबाद को इस समस्या से निकालने में मदद करेगा। 

इन घटनाक्रमों के दरम्यां पाकिस्तान सरकार के मंत्री एहसान इकबाल ने मीडिया से बात करते हुए मुल्क की आवाम से रोजमर्रा के खर्चे की कटौती में अपील की है।

उन्होंने मीडिया के जरिये लोगों से कहा कि वो चाय पीना कम करें। एहसान इकबाल ने कहा, "मुल्क की इकॉनमी को बचाने के लिए मैं लोगों से अपील करता हूं कि वो एक कप चाय को कम करें। इससे बचे पैसों से हम मुल्क की बिगड़ी तकदीर को संवार सकते हैं।"

केंद्रीय मंत्री एहसान इकबाल शहबाज शरीफ सरकार में योजना, विकास और स्पेशल इंसेंटिव जैसे अहम महकमों के प्रमुख हैं। जानकारी के मुताबित बदहाल पाकिस्तान आर्थिक तबाही के कगार पर है।

कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान खुद भी बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवाद से जूझ रहा है। कोरोना के कारण बीते दो सालों में मुल्क के विदेशी आयात और निर्यात पर बहुत बुरा असर पड़ा है और इस कारण पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है।

वहीं इसके साथ पाकिस्तान अपने बजट का बड़ा हिस्सा डिफेंस के सेक्टर में झोंकता है और भारत में प्रायोजित आतंकवाद के लिए उसकी ओर से की जा रही फंडिग में भी कोई कमी नहीं आ रही है। इसलिए पाकिस्तान में भारी आर्थिक संकट छा गया है।

पाकिस्तान को उम्मीद थी कि उसका करीबी सहयोगी चीन आर्थिक संकट में कर्ज देकर उसकी इकॉनमी को उबार लेगा लेकिन चीन ने इस संबंद में कोई भी आश्वासन देने से इनकार कर दिया है।

वहीं इमरान खान को अपदस्थ करके सत्ता पर काबिज होने वाले शहबाज शरीफ को उम्मीद थी सऊदी अरब भी उसे आर्थिक सहायता देगा लेकिन वहां भी शरीफ सरकार के हाथ निराशा लगी।

देश को मंदी की स्थिति से उबारने के लिए शरीफ सरकार प्रयास कर रही है कि वो अंतररष्ट्रीय मुद्रा कोष को अगले तीन सालों में 6.4 अरब डॉलर का कर्ज चुकाकर कोष के निर्धारित बेलआउट मानदंडों को पूरा कर ले लेकिन अभी तक उसका सूरत-ए-हाल नजर नहीं आ रहा है।

मालूम हो कि पाकिस्तान अंतररष्ट्रीय मुद्रा कोष के सामने अपनी गरीबी का दुखड़ा रोते हुए अब तक 22 बार कर्जे के बेलआउट का अनुरोध कर चुका है हालांकि पाकिस्तान को अब कोष से कोई मदद नहीं मिली है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से घट रहा है और वह पिछले एक साल से भी कम समय में आधे से भी कम रह गया है।

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